भाजपा उम्मीदवार
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार शाम को उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है। भाजपा की सूची का सभी को बेसब्री से इंतजार था। वहीं, सभी पार्टियां एक-एक सीट को लेकर समीकरण बैठाने में लगी हुई हैं। इस लिस्ट में पार्टी ने यूपी की हरदोई, मिश्रिख, कन्नौज, इटावा, हमीरपुर-महोबा, अकबरपुर लोक, बांदा चित्रकूट आदि सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान किया है।
भाजपा ने तीसरी बार साध्वी को मैदान में उतारा
फतेहपुर में लोकसभा चुनाव 2024 में इतिहास बनेगा या इतिहास की पुनरावृत्ति होगी। यह तो समय बताएगा, लेकिन भाजपा ने एक बार फिर से हैट्रिक लगाने के लिए साध्वी निरंजन ज्योति को मैदान में उतार दिया है। शनिवार को भाजपा से फतेहपुर लोकसभा प्रत्याशी के रूप में साध्वी के नाम की घोषणा होते ही समर्थकों में खुशी का माहौल हो गया। जिले में अभी तक किसी भी सांसद ने हैट्रिक नहीं लगाई है।
2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव में साध्वी निरंजन ज्योति करीब दो लाख वोटों से बसपा के प्रत्याशी अफजल सिद्दकी को हराकर दिल्ली की पंचायत पहुंची थी। पहली बार ही सरकार में उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री का ओहदा मिला। दूसरी बार 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने साध्वी निरंजन ज्योति पर ही विश्वास जताया था। उसमें खरे उतरते हुए साध्वी करीब दो लाख के अंतर से बसपा के सुखदेव वर्मा को हराकर दिल्ली पहुंची और दूसरी बार भी उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली। अब तीसरी बार लोकसभा चुनाव में उन्हें हैट्रिक मारने के लिए भाजपा ने पत्ते खोल दिए हैं।
खासबात यह है कि जिले में अभी तक किसी भी सांसद ने हैट्रिक नहीं मारी। जिले में 1967 और 1971 में कांग्रेस से दो बार संतबक्स सिंह सांसद बने। हैट्रिक मारने के लिए उतरे संतबक्स सिंह जनता पार्टी के वशीर अहमद से हार गए। इसी प्रकार 1980 और 1984 में दो बार कांग्रेस के हरीकृष्ण शास्त्री सांसद बने। तीसरी बार 1989 में जनता दल के वीपी सिंह से पराजित हुए।
मध्यावधि चुनाव होने के कारण वीपी सिंह दो बार सांसद बने। इसी प्रकार दो बार डॉ. अशोक पटेल सांसद बने, लेकिन तीसरी बार 2004 में महेंद्र प्रताप निषाद से हार गए। जिले में अभी तक किसी भी सांसद ने तीसरी बार जीत का परचम लहराकर इतिहास नहीं बनाया है। भाजपा ने दो बार की सांसद साध्वी को टिकट देकर तीसरी बार विश्वास जताया है। उनके लिए जीत दर्ज करके इतिहास बनाने की भी चुनौती है।