तालबेहट। सरकार लड़कियों की शिक्षा के लिए भले ही दावे तमाम करे, लेकिन हकीकत है कि राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में तीन हजार छात्राओं को पढ़ाने के लिए गणित और विज्ञान सहित अन्य विषयों के प्रवक्ता ही नहीं हैं। जबकि एलटी ग्रेड में 25 के सापेक्ष आठ शिक्षिकाओं से ही काम चलाया जा रहा है। यहां छात्राएं खुद तैयारी करके हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में 78 और इंटर में 80 फीसदी अंक लाकर कॉलेज का नाम रोशन कर रही हैं। प्रधानाचार्या ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर शिक्षकों की मांग की, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
जानकारी के मुताबिक शासन ने विद्यालय में इंटर में मानविकी, विज्ञान और व्यवसायिक वर्ग की कक्षाए संचालित होती हैं। लेकिन प्रवक्ताओं की कमी के चलते छात्राओं के सामने अध्ययन की गंभीर समस्या है। अधिकांश विषयों के प्रवक्ता नहीं होने से सीनियर वर्ग की छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वजह है कि कॉलेज के अलावा उन्हें निजी कोचिंग सेंटरों से अपना कोर्स कवर करके परीक्षा की तैयारी करनी पड़ रही है। इसके बाद भी कॉलेज में हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम 78 और इंटर मीडिएट का 80 फीसदी रहा। जीजीआईसी तालबेहट की प्रधानाचार्या अंजना वर्मा ने बताया कि विद्यायल में काफी समय से शिक्षिकाओं एवं प्रवक्ताओं की कमी है। इससे काफी परेशानी होती है। इस संबंध में कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत भी कराया जा चुका है।
विज्ञान, गणित और मानविकी की कक्षाएं होती हैं संचालित
कॉलेज में इंटरमीडिएट की विज्ञान, गणित विषय के अध्ययन की शासन से अनुमति मिल गई है। लेकिन आज तक पढ़ाने के लिए किसी भी प्रवक्ता की नियुक्ति नहीं हुई है। जिससे छात्राओं को स्वयं या ट्यूशन से पढ़ाई पूरी करनी पड़ रही है। जिससे अभिभावकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।