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– विकास के दावे और जातिगत समीकरण हुए फेल

– जनता ने जिसे दिया प्यार उसी के सिर सजेगा ताज

अनुभव अवस्थी

हरदोई। भक्त प्रहलाद की नगरी में इस बार मतदाताओं की खामोशी ने सभी पार्टियों के प्रत्याशियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहां की 13 निकाय की सीटों पर न तो किसी की लहर और विकास के दावे। इन सबके बीच 2017 के मुकाबले इस बार मतदान का घटा प्रतिशत प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर की ओर इशारा कर रहा है। इस बार जिस प्रत्याशी को जातिगत वोटों की गोलबंदी तोड़कर जनता ने स्नेह दिया है। आगामी 13 मई को उसी के सिर पर ताज सजेगा।

मतदान का घटा वोट प्रतिशत बता रहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग वोटरों को बूथ तक लाने में कामयाब नहीं हुए हैं। जनता कहीं न कहीं इन नेताओं के कामकाज से खुश नहीं रही है। बुधवार की रात रुक रुककर हुई बारिश के बाद गुरुवार को सुहाने मौसम के बीच सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। सुबह मतदान केंद्रों पर वोट डालने के लिए बूथों पर वोटरों की कमी रही, मगर धूप तेज होने के साथ ही लोग लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए घरों से निकलने लगे। दोपहर बाद मतदान की रफ्तार सुस्त होने से जिले की सात नगर पालिका और छह नगर पंचायतों में मतदान के प्रतिशत कमी को देखते हुए भाजपा, सपा और बसपा के साथ निर्दलियों में कांटे की टक्कर देखने को मिली है। (संवाद)

इनसेट

2017 में सबसे ज्यादा सीटों पर निर्दलियों ने मारी थी बाजी

2017 के निकाय चुनावों में जिले की सभी 13 सीटों में सबसे ज्यादा पांच निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए थे। यहां दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी रही है, जिसे चार सीटें मिली थीं। बसपा को दो सीटें मिली थीं। यहां भाजपा को सिर्फ एक सीट (बेनीगंज नगर पंचायत) पर ही जीत हासिल हुई थी। हालांकि उस चुनाव में पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल का कुनबा सपा की राजनीति का केंद्र हुआ करता था, अब भाजपा के नरेश हो गए। उनके बेटे नितिन अग्रवाल योगी सरकार में आबकारी मंत्री हैं। ऐसे में इस बार भाजपा की झोली में अध्यक्ष छह से आठ सीटें आ सकती हैं। हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा जिले की सभी सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं, सपा जिलाध्यक्ष बीरेंद्र कुमार सिंह बीरे ने पार्टी के सभी प्रत्याशियों की जीत की बात कह रहे हैं।

शाहाबाद के सीमा विस्तार से क्या बदलेगा जातीय समीकरण

– नितिन और रजनी ने इस चुनाव में खूब बहाया पसीना

संवाद न्यूज एजेंसी

हरदोई। जिले की हरदोई सदर से आबकारी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शाहाबाद से उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी इस चुनाव में अपने-अपने क्षेत्रों में खूब पसीना बहाया है। सदर से पूर्व पालिका अध्यक्ष सुखसागर को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने लगभग स्थिति साफ कर दी है, वहीं शाहाबाद में परिसीमन से चुनावी समीकरण बदला हुआ है। यहां पर 17 गांवों के 27,365 मतदाताओं की संख्या में और इजाफा हुआ है।

शाहाबाद नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर पिछले 25 वर्षों से पूर्व विधायक आसिफ खान बब्बू का कब्जा है। चार बार लगातार बब्बू ने इस सीट पर शाहाबाद नगर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। पांचवीं बार उनकी पत्नी नसरीन बानो चेयरमैन के रूप में अध्यक्ष की सीट पर काबिज हैं। यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है। ऐसे में परिसीमन में 27,365 मतदाताओं की संख्या में और इजाफा होने से बदलाव के आसार देखे जा रहे हैं।



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