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बांदा। प्रशिक्षण और नियुक्ति के नाम पर कृषि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं से की गई लाखों रुपये की ठगी की जांच में चुनाव आड़े आ गया है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भी नियुक्ति न होने से परेशान छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की तो ठगी का खुलासा हुआ। उप निदेशक (उद्यान) का कहना है कि प्रकरण संज्ञान में है, लेकिन चुनाव ड्यूटी होने से व्यस्तता हैं। हालांकि सच्चाई जानने के लिए आरोपी से संपर्क की कोशिश की जा रही है।

जिला पंचायत परिसर में संचालित कृषि महाविद्यालय में आठवें सेमेस्टर के करीब 50 छात्र-छात्राओं से प्रशिक्षण और इसके बाद नियुक्ति के नाम पर एक से डेढ़ लाख रुपये ऐंठ लिए गए। यह गुल फल संरक्षण विभाग में तैनात प्राइवेट कर्मी ने खिलाया। आरोप है कि प्राइवेट कर्मी तत्कालीन फल संरक्षण अधिकारी अवध नारायण त्रिपाठी द्वारा नियुक्त किया गया था। छात्र-छात्राओं को अप्रेंटिस के लिए प्रमाणपत्र की जरूरत थी। फील्ड में 15 दिवसीय प्रशिक्षण लेना था। इसके लिए महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को 15 दिन का प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन एक साल बीत गया उन्हें न प्रमाणपत्र मिला और न ही नियुक्ति मिल सकी। छात्रों ने फल संरक्षण अधिकारी से शिकायत की, लेकिन उन्होंने सुध नहीं ली। हालांकि बाद में अन्य किसी वजह के चलते शासन ने फल संरक्षण अधिकारी रहे अवध नारायण त्रिपाठी को बर्खास्त कर दिया।

ठगी का शिकार होने की आशंका पर छात्रों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत कर दी। बताया जाता है कि शासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि यह आदेश अभी यहां के अधिकारियों को नहीं मिला है।

उप निदेशक (उद्यान) विनय यादव का कहना है कि पूर्व फल संरक्षण अधिकारी ने फिरोजाबाद निवासी अनिल कुमार को यहां प्राइवेट तौर पर रखा था। उस पर छात्रों से रुपये वसूलने का आरोप है। प्रकरण संज्ञान में है, लेकिन अभी तक उन्हें शिकायत नहीं मिली है। निकाय चुनाव होने के चलते वह झांसी में मतदान ड्यूटी में है। शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी।

नए फल संरक्षण अधिकारी राजेश कुमार ने फल संरक्षण विभाग का कार्यभार संभाल लिया, लेकिन उन्हें छात्रों से हुई ठगी की जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि मामला उनके पहले का है, अभी तक उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। यह भी कहा कि फल संरक्षण केंद्र में आचार, मुरब्बा, जैम, जैली, चटनी आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। 15 दिवसीय प्रशिक्षण होता है। पूरे प्रशिक्षण का प्रति अभ्यर्थी 20 रुपये लिए जाते हैं। इसके अलावा सामग्री बनाने पर 8-10 रुपये प्रति किलो दर अलग लिया जाता है। प्रशिक्षण के नाम पर लाखों की ठगी हैरानी वाली बात है।



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