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नरैनी। कोतवाली क्षेत्र के तरसूमा गांव के मजरा पचपेडिया में सात बच्चे खसरा की चपेट में हैं। परिजन अंधविश्वास के चलते इलाज के लिए तैयार नहीं थे। मौके पर पहुंची स्वास्थ्य टीम ने उन्हें तीन घंटे तक समझाया तब वह इलाज के लिए राजी हुए।

क्षेत्र के तरसुमा गांव के मजरा पचपेडिया में खसरा फैलने की खबर पर सीएचसी अधीक्षक विपिन शर्मा के निर्देशन पर स्वास्थ्य टीम ने गांव में परीक्षण किया। कई बच्चे खसरे से पीड़ित मिले। लेकिन परिजन इलाज कराने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना है कि मोती झला है। देवी देवताओं का पूजन करके ठीक कर लिया जाएगा। मौके पर स्वास्थ्य टीम एवं अन्य ग्रामीणों ने समझाने की कोशिश की। लेकिन वह एक नहीं माने। यहां तक की स्वास्थ्य टीम को गलत शब्दों का प्रयोग किया।

स्वास्थ्य टीम की सूचना पर अधीक्षक विपिन शर्मा डॉ राजेश, डॉक्टर संगीता राजपूत, डॉक्टर वर्षा, एवं मॉनिटर रविंद्र तिवारी ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को अच्छे तरीके से समझाया। तब देर शाम परिजन इलाज के लिए तैयार हुए। सीएचसी अधीक्षक डॉ. विपिन शर्मा ने बताया कि इस गांव में सत्यम (7), सपना (8), बालकुमार (6), कंचन (7), राखी (6), छोटू (5), अंकित (7) सहित सात लोग खसरा प्रभावित मिले। पांच बच्चों का सैंपल के लिया गया। बच्चों के इलाज के बाद दवाएं बाटी गई।



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