– एंटीबायोटिक से लेकर पैरासिटामोल के ज्यादा सेवन से पेट में गैस, दस्त, लिवर की समस्या के मरीज बढ़े
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। वायरल बुखार, डेंगू में एंटीबायोटिक के बेहिसाब इस्तेमाल से मरीजों के लिवर पर असर पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में दिखाने आने वाले मरीजों में ये समस्या देखने को मिल रही है। इसके अलावा पेट में गैस बनना, दस्त की भी समस्या मरीजों में देखने को मिल रही है। इनमें से कई मरीजों ने बिना चिकित्सीय सलाह के ही एंटीबायोटिक दवाएं खाईं।
सितंबर से अक्तूबर तक चले बारिश के सीजन में डेंगू के केस और नवंबर में मौसम में आए बदलाव के चलते वायरल के मरीज बढ़ गए थे। इस कारण कई लोगों ने खुद या फिर केमिस्ट से दवा खरीदकर खाई। बेहिसाब पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन के अब दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में दिसंबर में पेट में भारीपन, दस्त, गैस की समस्या के मरीजों की संख्या में 20 फीसदी इजाफा हो गया है। फिजीशियन डॉ. जकी सिद्दीकी ने बताया कि ज्यादातर मरीजों में एंटीबायोटिक के अधिक सेवन की वजह से भी ये समस्या देखने को आ रही है। इसी तरह, पैरासिटामोल के ज्यादा सेवन की वजह से लिवर पर असर पड़ा है। ऐसे में लिवर की समस्या वाले मरीजों की संख्या में 10 फीसदी इजाफा हो गया है। ऐसे रोगियों को भूख न लगने, पेट के दायीं ओर दर्द, खाने के बाद पेट फूलना, अपच की समस्या हो रही है। पूछताछ में मरीज खुद भी बताते हैं कि उन्होंने बिना चिकित्सीय परामर्श के कई-कई दिन दवाएं खाई हैं। मेडिकल कॉलेज के फिजीशियन डॉ. रजत जैन ने बताया कि बिना चिकित्सीय सलाह के कोई भी दवा नहीं खानी चाहिए। कई लोग इंटरनेट पर देखकर केमिस्ट से दवा खरीदकर खा लेते हैं। इसके दुष्परिणाम सामने आने पर इलाज कराने के लिए आते हैं।
इस आधार पर दवा लिखते हैं डॉक्टर
चिकित्सकों ने बताया कि चिकित्सीय परीक्षण के बाद मरीज की आयु, वजन को मद्देनजर रखते हुए दवा की मात्रा निर्धारित की जाती है। साथ ही वह शराब या फिर लिवर, किडनी आदि बीमारियों से पीड़ित तो नहीं है, इसको ध्यान में रखकर पर्चे पर दवाएं लिखते हैं।
अध्ययन में 30 फीसदी मरीजों में एंटीबायोटिक का असर खत्म मिला
झांसी। बुंदेलखंड में मरीज बेहिसाब दवाएं खाते हैं। इसकी पुष्टि मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग के अध्ययन में भी हो चुकी है। एक हजार मरीजों पर हुई स्टडी में 30 फीसदी में किसी भी तरह की एंटीबायोटिक असर नहीं कर रही थी।