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लक्ष्य बनाकर तैयारी करने से मिली पहले प्रयास में सफलता

कोई भी काम अगले दिन के लिए पेेंडिंग नहीं रखा, इसलिए लक्ष्य तक पहुंचे एट क्षेत्र के पिरौना गांव निवासी कुमार कार्तकेय ने कानपुर जोन में किया टॉप

फोटो-39-कुमार कार्तिकेय राज।

फोटो-40-अपने परिजनों के साथ कार्तिकेय।

संवाद न्यूज एजेंसी

उरई। पिरौना गांव के कुमार कार्तिकेय राज ने जेईई मेंस की परीक्षा में कानपुर जोनल स्तर पर टॉप किया है। कार्तिकेय की कामन रैंक लिस्ट में 632 वीं रैंक है तो ओबीसी में उनकी 231वीं रैंक है। कार्तिकेय का कहना है कि उसने लक्ष्य बनाकर पढ़ाई की। उसने कोई भी काम अगले दिन के लिए पेंडिंग नहीं रखा। रोजाना सुबह टारगेट बनाया और जब तक उसे पूरा नहीं कर लिया, तब तक वह सोया नहीं। उसी का नतीजा है कि पहले ही प्रयास में सफलता मिल गई।

कार्तिकेय के पिता राजेंद्र कुमार यादव जमरोही कलां गांव के पूर्व प्रधान हैं और खेती-किसानी करते हैं। जबकि मां संगीता यादव गांव के ही जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापिका है। बहन शिवी पीसीएस की तैयारी कर रही है। जबकि दादा रामकृष्ण यादव श्रीकृष्ण इंटर कॉलेज पिरौना में समाजशास्त्र के प्रवक्ता रहे हैं। कार्तिकेय ने कक्षा नौवीं तक की पढ़ाई उरई के रामश्री पब्लिक स्कूल से की। इसके बाद हाईस्कूल से इंटर तक की पढ़ाई डीपीएस कल्याणपुर कानपुर से किया। जेईई के लिए कोटा में कोचिंग भी की। कातिर्केय का कहना है कि उन्होंने रोजाना करीब 16 घंटे पढ़ाई की। उसने बताया कि उसने मॉक टेस्ट और लगातार प्रश्नों को हल करके अभ्यास किया, जिससे उसे चयन में काफी मदद मिली। मॉक टेस्ट और प्रश्नपत्रों को हल करने से उसे पैटर्न समझने में भी सहायता मिली। कार्तकेय ने बताया कि उसने सिर्फ एक डेढ़ घंटे ही मोबाइल को दिया। कार्तिकेय का कहना है कि वह कंप्यूटर साइंस से बीटेक करना चाहता है। जैसे ही कार्तिकेय के जेईई मेंस में सफल होने की सूचना आई, वैसे ही घर में बधाइयों का तांता लग गया।

पहले से ही है घर में पढ़ाई-लिखाई का माहौल

कुमार कार्तकेय के घर में पढ़ाई लिखाई का माहौल पहले से ही है। इस वजह से उसे जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने में घर के बड़ों से भी मार्गदर्शन मिलता रहा है। कार्तकेय की बड़ी बहन सिविल सेवा की तैयारी कर रही है और उसकी मांग शिक्षिका हैं। इसके अलावा उसके बाबा भी इंटर कॉलेज में प्रवक्ता रहे। कार्तकेय भी शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में मेधावी रहा और परिवार से भी उसे काफी मदद मिलती रही। कार्तकेय के पिता ने बताया कि जैसे ही चयन की खबर मिली है घर में खुशी का माहौल है और सभी से जगह से बधाई देने के लिए फोन आ रहे हैं।



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