ललितपुर। मंत्री और विधायकों के दावे नगर निकाय चुनाव में धराशायी हो गए। मतदान प्रतिशत बढ़ाने की सारी कवायद उनके ही वार्ड में फेल नजर आए। नतीजा यह रहा कि माननीयों के वार्डों में 50 प्रतिशत से अधिक मतदान नहीं हो पाया। जानकारों के अनुसार इसकी वजह बिजली, पानी और सड़क जैसी समस्याओं के प्रति पांच सालों तक जन प्रतिनिधियों की उदासीनता रही। शहर के अधिकांश वार्डाें में लोग अपना वोट डालने मतदान केंद्रों पर नहीं आए। यहां पर सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधि भी मतदाताओं से अधिक वोट दिलवाने में सफल नहीं हो सके।
निकाय चुनाव के तहत मतदाताओं ने अपने मत से विभिन्न दलों के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला बैलेट बॉक्सों में बंद कर दिया है। यदि हम भाजपा नेताओं के वार्डाें कि बात करें तो जिले से प्रदेश सरकार के श्रम राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ के वार्ड संख्या नौ सिविल लाइन की, तो यहां पर करीब 5335 मतदाताओं में से मात्र 2800 मतदाताओं ने शहर की सरकार चुनने के लिए वोट डाले। यहां पर लोगों को मंत्री पंथ से लोगों को काफी उम्मीदें रहती हैं, लेकिन शायद वह उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सके।
वहीं, भाजपा के सदर विधायक रामरतन कुशवाहा के वार्ड संख्या 25 जो चौबयाना वार्ड है। उनका प्रभाव भी क्षेत्र के लोगों पर कोई खासा असर नहीं दिखा सका। इस वार्ड में कुल पांच मतदान केंद्रों पर करीब 4295 मतदाता थे जिसमें से केवल 2611 पुरुष महिला मतदाताओं ने केवल अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनके वार्ड में भी समस्याएं विकास का रास्ता निहार रहीं हैं।
उधर, रावतयाना द्वितीय वार्ड संख्या 14 में जिला पंचायत अध्यक्ष कैलाश निरंजन का निवास है। यहां पर भी वोटों की संख्या में कुछ अधिक नहीं हो सका है। यहां पर कुल 8777 मतदाताओं में से कुल 3813 लोगों ने मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डाले। शहर की सरकार चुनने में लोगों ने इस उदासीनता ने एक बात तो स्पष्ट कर दी है कि आज का मतदाता परंपरागत नहीं बल्कि जागरूक हो गया है। वह अपने मूलभूत सुविधाओं को प्राप्त करने का हकदार है। यदि उसे सुविधाओं के लिए ऐसे ही राह निहारना पड़े तो वह प्रत्याशियों को आइना भी दिखाने का माद्दा रखता है।
शहर का वार्ड संख्या तीन नेहरुनगर वार्ड भाजपा के निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी घनश्याम साहू का है। यहां पर पानी की समस्या काफी विकराल है। लोगों को अलसुबह से ही पानी की तलाश में हैंडपंपों पर लाइन लगाए देखा जा सकता है। शहर की सरकार चुनने में यहां के लोगों ने भी अन्य वार्डाें की तुलना में थोड़ी अधिक जिम्मेदारी निभाई। नेहरुनगर वार्ड के कुल पांच मतदान केंद्रों पर कुल 5185 मतदाताओं में से मात्र 2678 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यहां का औसत उपरोक्त अन्य वार्डों की तुलना में बेहतर रहा है।
नेहरुनगर वार्ड के लोगों ने निभाई जिम्मेदारी
ललितपुर। शहर के नेहरुनगर वार्ड में पीने केके पानी की समस्या काफी लंबे समय से बनी हुई है। यहां के लोगों को अलसुबह पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है। सुबह से ही वार्डवासी पानी के लिए टैंकरों व हैंडपंपों पर निर्भर रहते हैं। वार्ड के लोगों को बाइक साइकिल के सहारे अपने घरों को पानी लेकर जाते देखा जा सकता है। लेकिन वार्ड लोगों ने सारी समस्याओं को दरकिनार करते अपनी शहर की सरकार के लिए अपने वोट डाले। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया। यहां के कुल कुल 5185 मतदाताओं में से मात्र 2678 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।