झांसी। इस सीजन में मिट्टी के बर्तन एवं घड़े की दुकानदारी न होने से परेशान एक कुम्हार ने शुक्रवार सुबह घर में पत्नी की साड़ी से फंदा लगाकर जान दे दी। वह परिवार में अकेला कमाने वाला था।
बड़ागांव थाने के गांधीनगर में सुल्तान प्रजापति (45) पत्नी एवं तीन बेटों के साथ रहता था। परिजनों का कहना है कि मिट्टी के बर्तन ही उनके जीविकोपार्जन का जरिया थे। कभी वह मजदूरी भी कर लेता था लेकिन, स्वास्थ्य खराब हो जाने से अब मजदूरी नहीं कर पाता। परिवार के साथ मिलकर सिर्फ कुल्हड़, घड़े समेत अन्य मिट्टी के बर्तन बनाता था। लेकिन, गर्मी अधिक न होने से इस सीजन में दुकानदारी नहीं हो पा रही थी। इससे वह परेशान रहने लगा। परिवार का खर्चा नहीं निकल पा रहा था।
शुक्रवार सुबह उठकर उसने चाय पी। छोटा बेटा रोमिल स्कूल चला गया। पत्नी भी खेत चली गई। इसी दौरान सुल्तान ने कमरे में जाकर साड़ी के फंदे से फांसी लगा ली। उधर, स्कूल बंद होने से कुछ देर बाद ही बेटा रोमिल लौट आया। जैसे ही वह कमरे में घुसा, उसने पिता का शव फंदे से लटका दिखा। यह देख वह घबरा उठा। उसने शोर मचाया। शोर सुनकर आस-पड़ोस के लोग भी पहुंच गए।
लोगों ने शव को नीचे उतारा और उसे लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन, डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बड़ागांव इंस्पेक्टर विनय दिवाकर का कहना है कि जांच पड़ताल के दौरान किसी तरह के विवाद की बात सामने नहीं आई है। पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।