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उरई। कारगिल विजय दिवस के 24 वर्ष पूरे होने पर ब्लाक के हदरूख में बने शहीद स्मारक पर जवानों को याद करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया।

ब्लाक के हदरुख स्थित शहीद स्मारक पर वीर सपूतों को याद करते हुए कारगिल विजय दिवस मनाया गया। 58 बटालियन एनसीसी के कंपनी कमांडर एनके झा व इंडियन वेटरन ऑर्गनाइजेशन द्वारा शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। पूर्व विधायक संतराम सिंह सेंगर ने शहीदों की वीर गाथा का वर्णन करते हुए कहा कि यह पहला ऐसा युद्ध का जिसे सेना ने युद्ध के मैदान के साथ-साथ टेबल पर भी जीता था। कारगिल दिवस पर युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को याद करते हुए पूर्व जिला सैनिक अध्यक्ष गंगा राम ने कहा कि अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर में भारत माता के उन वीर जवानों को नमन करता हूं जिन्होंने भारत के लिए अपना बलिदान दिया। वहीं पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वाधान में हदरूख स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों की वीरागंनाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिलेश नगाइच ने करते हुए बताया कि भारत और भारतीय सेना के इतिहास का स्वर्णिम दिवस, गुरुवार को है। हमारे देश के सैनिकों ने पराक्रम दिखाते हुए कारगिल विजय की। इस दौरान सूबेदार मेजर सुरेंद्र सिंह, राजकुमार यादव , राजकुमार पाल, हवलदार सूर्यकुमार, उदयपाल सिंह, शत्रुघन सिंह, अरविंद सिंह, जितेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

शहीदों को याद कर उनके पदचिन्हों पर चलने की सीख ली

कालपी। नगर में कारगिल विजय दिवस से मनाया गया। जिसमे कारगिल युद्ध में देश के प्रति अपनी जान देने वाले जवानों को याद किया गया।

नगर के कालपी कालेज कालपी में छात्र छात्राओं ने कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को याद किया। डॉ. सूर्यपाल सिंह. डॉ मधु प्रभा तिवारी व डॉ विवेक निगम ने संयुक्त रूप से कहा कि देश के कारगिल सेक्टर में पाकिस्तान ने घुसपैठ की थी, जिसके लिए सेना ने 3 मई सन 1999 को आपरेशन कारगिल नाम देकर दुश्मनों को खदेड़ने के लिए सशस्त्र अभियान शुरू किया था जो दो माह से अधिक चला और 26 जुलाई 1999 को खत्म हो गया। जिसमें 527 भारतीय सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी और 1393 सैनिक घायल हुए थे। लेकिन जवानों ने युद्ध को जीत लिया था। इस दौरान छात्राएं स्नेहा दीक्षित, श्रेया पांडे, साक्षी कुशवाहा ,सोनम मानवी, आदि मौजूद रही।(संवाद)



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