
Jhansi Murder Case
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हत्यारोपी अंकित पिछले करीब 18 घंटे से पुलिस हिरासत में था लेकिन, पुलिस के कई सवालों पर वह सिर्फ चुप्पी साधे रहा। हालांकि उसने हत्या की बात कुबूल की लेकिन, इसके बाद वह कुछ भी नहीं बोलता था। रविवार को पुलिस ने पूछताछ से पहले एक ट्रिक आजमाई।
पूछताछ में जुटे पुलिसकर्मियों ने उससे पबजी के बारे में बात शुरू की। नवाबाद थाने में तैनात सिपाही ने उससे कहा कि पबजी में उसने तीन सौ का स्कोर बनाया है। फिर उसने हत्यारोपी से उसका स्कोर पूछा। इसके बाद अंकित उस सिपाही से बात करने लगा। हत्यारोपी ने सिपाही से कहा कि यह स्कोर तो मुश्किल होता है।
इसके बाद जब सिपाही ने उससे आगे बात पूछी तब उसने बताया कि पापा पबजी और मोबाइल में गेम खेलने से रोकते-टोकते थे। मोबाइल भी छीन लिया था। इसी गुस्से में आकर उसने यह किया। इसके पहले शनिवार की सुबह जब पुलिस उसे पकड़कर नवाबाद थाने लाई थी, तब भी हत्यारोपी अंकित ने पुलिस से सबसे पहले अपना मोबाइल फोन ही मांगा था। नवाबाद इंस्पेक्टर सुधाकर मिश्र के मुताबिक पूछताछ के दौरान पबजी खेलने से मना करने पर हत्या करने की बात सामने आई है।
जेल में बढ़ाई गई अंकित की निगरानी
मानसिक तौर पर कमजोर बताए जा रहे अंकित के जेल में पहुंचने पर उसे सबसे पहले मुलहयजा सेल में रखा गया। यहां उसकी सुरक्षा के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है। जेल भेजे जाने वाले आरोपियों को सबसे पहले इसी सेल में रखा जाता है। यहां दस दिन रहने के बाद उनको अंदर के सेल में शिफ्ट किया जाता है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार का कहना है कि मुलहजया सेल में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।