चित्रकूट। धर्मनगरी में चल रहे रामायण उत्सव कार्यक्रम में रविवार को पद्म विभूषण पं. छुन्नू लाल मिश्र की प्रस्तुति ने शमां बांधी। रामघाट में उन्होंने भजन, कजरी, ठुमरी के माध्यम से श्रोताओं का मनोरंजन किया।
पद्म विभूषण पं. छुन्नूलाल मिश्र वाराणसी ने ठुमरी के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण व राधा पर आधारित गीत प्रस्तुत किये। राधा तोरेे नयन लागे ह्दय में बन कटार… प्रस्तुत किया तो श्रोताओं ने खूब ताली बजाई। उन्होने सोहर व कजरी के गीत प्रस्तुत किए। जिसमें सखी सब गाय सोहर यशोदा के होई लनना, मुरली मनोहर, विचारे सगुनियां लाल जुग- जुग जियो नंद लाल सब दे आशीष, सब लूटाए रुपिया के साथ भगवान श्रीराम के भी भजन प्रस्तुत किये। लगभग डेढ़ घंटे के कार्यक्रम में पंडाल में श्रोता डटे रहे।
जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय, अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन, कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल व भाजपा जिलाध्यक्ष लवकुश चतुर्वेदी, सचिंद्र उपाध्याय डॉ. गोपाल मिश्र आदि मौजूद रहे।
गीत संगीत में शोरशराबा ठीक नहीं : छन्नू मिश्र
चित्रकूट। पद्म विभूषण पं. छुन्नू लाल मिश्र ने पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में कहा कि मंच का अलग-अलग महत्व होता है। जिस मंच पर भजन प्रस्तुत किया जाता है, उसको मंदिर कहते है। कहा कि जो भी मंच पर प्रस्तुति करे उसमें दर्शकों को मजा आना चाहिए। उन्होंने गायन के महत्व की भी जानकारी दी। आधुनिक युग में गीत संगीत में शोर शराबे को इसके भविष्य के लिए सही नहीं बताया। भारतीय संगीत शैली व गायन को उन्होंने दुनिया में श्रेष्ठ बताया।