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रेलवे कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर बढ़ाईं धाराएं, कोर्ट से भेजा गया न्यायिक हिरासत में

पांच अक्तूबर को युवक ने उप्र संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में वैज्ञानिक दंपती पर की थी पेशाब

आरपीएफ ने रेलवे एक्ट में मामला दर्ज करके युवक को बचाने की कोशिश की थी

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। पांच अक्तूबर को मानिकपुर से हजरत निजामुद्दीन जा रही उत्तर प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के एसी कोच में एक बुजुर्ग वैज्ञानिक और उनकी पत्नी पर पेशाब करने की शर्मनाक हरकत करने वाले युवक को रेलवे कोर्ट ने मंगलवार को जेल भेज दिया। आरपीएफ ने रेलवे एक्ट में मामला दर्ज करके युवक को बचाने की कोशिश की थी। मंगलवार को आरोपी जब कोर्ट के सामने हाजिर हुआ तो कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए घटना को गंभीर अपराध मानते हुए छेड़छाड़ और अन्य धाराएं बढ़ा दीं। आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।

दरअसल 5 अक्तूबर को एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक अपनी पत्नी के साथ उप्र संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 12447) में सवार होकर हरपालपुर (मध्य प्रदेश) से हजरत निजामुद्दीन जा रहे थे। दंपती एसी कोच बी-3 की लोअर बर्थ पर सवार थे। इसी कोच में नई दिल्ली के कुतुब बिहार साउथ वेस्ट निवासी रितेश भी सवार था। झांसी स्टेशन पहुंचने से कुछ देर पहले रितेश ने शराब पीना शुरू कर दिया। बुजुर्ग दंपती ने इसका विरोध किया तो वह झगड़ा करने लगा। लेकिन उस वक्त दूसरे यात्रियों के समझाने पर मामला शांत हो गया था। मगर कुछ देर बाद नशे में धुत रितेश ने सीट से उठकर बुजुर्ग दंपती पर पेशाब कर दिया था। बुजुर्ग दंपती का आरोप था कि उनके रोकने के बावजूद रितेश नहीं माना। बुजुर्ग महिला से अभद्रता करते हुए छेड़खानी करने लगा। झांसी पहुंचने पर आरपीएफ ने आरोपी युवक को उतार लिया। टीटीई की तहरीर पर आरोपी युवक के खिलाफ आरपीएफ ने रेलवे अधिनियम के तहत दर्ज करके मामले को रफा-दफा कर दिया था। मामले में रेलवे एक्ट के तहत आरोपी युवक रितेश को सम्मन जारी हुए।

मंगलवार को आरोपी रितेश रेलवे कोर्ट में पेश हुआ। यहां मामले की सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी अरुण क्रांति यशोदास ने बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने की घटना को गंभीर अपराध माना। पीठासीन अधिकारी ने इसे केवल रेलवे एक्ट का मामला न मानते हुए छेड़छाड़, महिला से अभद्रता, नशे में हंगामा करने की धारा भी बढ़ा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।

रेलवे ने भी आरपीएफ को दे दी थी क्लीन चिट

मामले की जांच के लिए डीआरएम ने दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट व असिस्टेंट कॉमर्शियल मैनेजर ने मामले में आरपीएफ और जीआरपी की भूमिका की जांच की। इसके साथ ही रेलवे अफसरों ने जांच में आरपीएफ की कार्रवाई को उचित ठहराया था। साथ ही रिपोर्ट में कहा था कि वैज्ञानिक दंपती ने अपनी ओर से किसी भी प्रकार की शिकायत करने से मना कर दिया। अमर उजाला ने मामले को प्रमुखता से उठाया था। वैज्ञानिक दंपती ने भी रेलवे की कार्रवाई पर दुख जताया था। रेलवे कोर्ट से न्याय मिलने के बाद दंपती ने खुशी जाहिर की है।



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