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डेढ़ साल से चल रहा था एनपीएस के नाम पर कमीशनबाजी का मोटा खेल

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। माध्यमिक शिक्षकों की पेंशन की आड़ में कमीशन का खेल पिछले डेढ़ साल से चल रहा था। डीआईओएस कार्यालय के कर्मचारी की मिलीभगत से अब तक निजी बीमा कंपनियों में माध्यमिक शिक्षकों की पेंशन के 60 लाख रुपये जमा हो चुका है। इस प्रकरण में दोषी मिले कर्मचारी पर विभागीय कार्रवाई के लिए डीआईओएस ने पत्र लिख दिया है।

बुंदेलखंड के 50 माध्यमिक शिक्षकों का बिना अनुमति के पेंशन फंड मैनेजर बदलने का मामला सामने आया है। इसके बाद से ही हड़कंप मचा है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि पेंशन फंड मैनेजर बदलने का खेल अप्रैल 2022 में शुरू हुआ था, जो कि नवंबर 2023 तक जारी रहा। झांसी के शिक्षकों की पेंशन का तीन लाख रुपया हर महीने निजी बीमा कंपनी में जमा होता रहा। पेंशन फंड मैनेजर बदलने का मेसेज जब शिक्षकों के मोबाइल फोन पर आया तो उन्होंने विभाग पहुंचकर इस पर आपत्ति भी जताई। तब स्टाफ ने इसे ठीक करवाने का आश्वासन देकर शिक्षकों को लौटा दिया था। ऐसे में पिछले डेढ़ साल में निजी बीमा कंपनियों के पास झांसी के शिक्षकों के एनपीएस का लगभग 60 लाख रुपये जमा हो चुका है। अब इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी मिले तत्कालीन पटल सहायक के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीआईओएस ने कानपुर के जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र लिख दिया है। क्योंकि, मौजूदा समय में कर्मचारी वहीं तैनात है।

अलग-अलग स्कूलों से चुने चुनिंदा शिक्षक

झांसी में 48 एडेड स्कूलों में 650 शिक्षक ऐसे हैं, जिनकी एनपीएस के तहत पेंशन जमा होती है। पेंशन फंड मैनेजर बदलने के खेल को बड़ी ही चालाकी से अंजाम दिया गया। शिक्षक नेताओं ने बताया कि अलग-अलग स्कूलों से इक्का-दुक्का शिक्षकों के ही पेंशन फंड मैनेजर बदले गए। ताकि, एक या दो शिक्षक आपत्ति करें तो मानवीय त्रुटि बताकर मामला शांत करवा दिया जाए।

शिक्षकों की बिना अनुमति के पेंशन फंड मैनेजर बदलने के मामले में प्रथम दृष्टया दोषी मिले तत्कालीन पटल सहायक अरविंद कमल पर विभागीय कार्रवाई करने के लिए कानपुर डीआईओएस का पत्र लिखा गया है। क्योंकि, तबादला होने के बाद कर्मचारी कानपुर में ही तैनात है। कर्मचारी ने कहीं और तो कोई अनियमितता नहीं की है, इसकी भी जांच शुरू कर दी गई है। – राजेश कुमार सिंह, डीआईओएस।



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