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बिजरौठा-तालबेहट। विकास खंड की बड़ी ग्राम पंचायत बिजरौठा में बनी पानी की टंकी से करीब नौ माह बाद पेयजल सप्लाई की गई। लाइन में पानी जाते ही बौलारी गांव में दो जगह पाइप लाइन के फट गई जिससे पानी लोगों के घरों के आगे भर गया जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि सोमवार को सांसद अनुराग शर्मा के आने की जानकारी होने पर विभागीय अफसरों ने पानी की सप्लाई शुरू करा दी।

बताते चले कि बिजरौठा, गुलेंदा, लालौन, रारा आदि गांवों के लोगों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए शासन ने करोड़ों रुपये खर्च करके बिजरौठा में एक पानी की टंकी बनाई और गांव गांव में इसकी पाइप लाइनों का जाल बिछाया। इसके बावजूद बिजरौठा, मगन पठा, दिगारा, बौलारी आदि मजरों के लोगों को पानी की एक बूंद नसीब न हो सकी। इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार विभागीय अधिकारियों और सांसद अनुराग शर्मा को अवगत कराया लेकिन उन्हें हर बार अश्वासन मिला लेकिन पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी। इससे ग्रामीणों में रोष पनप रहा था उनका कहना था कि सोमवार को गांव आ रहे सांसद से पानी को लेकर दो टूक सवाल किया जाएगा। इसी बीच रविवार को जल निगम के कर्मचारी टंकी पर पहुंचे और तकनीकी खामियों को सुधारकर टंकी से पानी की आपूर्ति जैसे ही शुरू की कि कुछ देर बाद गांव बौलारी में ही दो जगह से पाइप लाइन फट गई जिससे सड़क पर मकानों के सामने पानी ही पानी हो गया। इससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी। लोगों का आरोप है कि पाइप लाइन और टंकी की गुणवत्ता ठीक न होने के कारण विभागीय टंकी को न तो पूरा भरते है और न ही पाइप लाइन से पानी की निकासी पूरी क्षमता से करते है। उन्होंने पूरे काम की गुणवत्ता की जांच कराने की ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है।

जनता पिछले आठ नौ महीनों से पानी के लिए परेशान है। पानी की आपूर्ति होने पर पाइप लाइन जवाब दे रही है। इससे कार्य की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है। – खुमान साहू

– सड़क पर पानी बहने से घरों के अंदर कीचड़ हो रहा है। इस संबंध में विभागीय कर्मचारियों को अवगत कराया लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। – महेंद्र रजक

तालबेहट में भी रविवार को रही पेयजल आपूर्ति ठप

तालबेहट। रविवार को माताटीला फिल्टर पर रात में लगे ट्रांसफार्मर में एक फेस न आने से वहां लगी मोटर के काम न करने से रविवार को नगर की जनता को एक बूंद पानी नहीं मिल सका। इसके चलते लोगों को हैंडपंप और कुओं का सहारा लेना पड़ा।



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