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उरई। एआरटीओ कार्यालय में दलाली और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने मंगलवार को छापा मारा। चार संदिग्ध पकड़े। हालांकि दलाली में कर्मचारियों की संलिप्तता को लेकर उजागर हुई बात पर प्रशासन ने अभी कोई कदम नहीं उठाया है। इस कार्रवाई से दलालों में खलबली मची रही।

अमर उजाला में 21 नवंबर के अंक में प्रकाशित टीम के स्टिंग में एआरटीओ कार्यालय में दलाली का प्रकरण प्रकाश में आया था। इसमें लाइसेंस, फिटनेस और ट्रांसफर को लेकर जब एजेंटों से ऑन रिकार्डिंग बात की गई तो उन्होंने अतिरिक्त शुल्क लेने की वजह विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को भी देने की बात कही थी। जो वे शुल्क लेते हैं, वह निर्धारित शुल्क कई गुना था।

खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन में खलबली मची। दलालों को रंगे हाथों पकड़ने के लिए गोपनीय टीम बनाई और मंगलवार को एडीएम विशाल यादव के नेतृत्व में छापा मारा। इस दौरान वहां संदिग्ध रूप से घूम रहे लोगों से आने का कारण पूछा। इस दौरान चार लोगों की मौजूदगी संदिग्ध दिखी। टीम ने उन्हें पकड़ लिया। दलाली में संलिप्त होने पर पकड़े गए नीरज कुमार पाटकार, शिवनाथ सिंह, भैसोल एवं नरेंद्र प्रताप पर कार्रवाई के निर्देश किए। सिटी मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार, सीओ सिटी गिरिजा शंकर त्रिपाठी शामिल रहे।

एडीएम विशाल यादव ने बताया कि एआरटीओ कार्यालय के बाहर लोगों से आने का कारण पूछा। इस दौरान चार लोग संदिग्ध मिले। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। एआरटीओ को इस मामले में विधिक कार्रवाई के लिए कहा गया है।

दलाली, भ्रष्टाचारी मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। एआरटीओ कार्यालय में निगरानी बढ़ाने और प्रतिदिन मॉनिटरिंग कर संदिग्ध लोगों के घूमने पर रोक लगाने व कार्रवाई करने को निर्देशित किया गया है।-राजेश कुमार पांडेय, डीएम



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