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बबीना के विद्यालयों में प्रयोगशालाओं में नहीं इंतजाम, बोर्ड परीक्षाएं सिर पर
संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। एक ओर जहां बोर्ड ने प्रयोगात्मक परीक्षा को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं, वहीं विद्यालयों में इसकी तैयारियों के लिए कोई इंतजाम ही नहीं हैं। शनिवार को जब विद्यालयों की स्थिति देखी गई तो स्थिति चौंकाने वाली दिखी। बबीना क्षेत्र के विद्यालयों में तो कहीं प्रयोगशालाओं का निर्माण कार्य चल रहा था, तो कहीं प्रयोगशाला की जगह मलबा पड़ा था, कहीं प्रयोगशाला में कबाड़ भरा पड़ा था। वहीं एक विद्यालय में कक्षा के बाहर प्रयोगशाला का बोर्ड लगा था लेकिन, उसे खोलने पर अंदर स्टोर रूम मिला।
जनवरी से बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं शुरू होनी हैं। शासन द्वारा इसकी तैयारियां और परीक्षा के जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसमें प्रयोगात्मक परीक्षा सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होनी हैं। परीक्षक दूसरे मंडल से भेजे जाएंगे। वहीं कई विद्यालयों के हाल ऐसे हैं कि वहां प्रयोगशाला के नाम पर खानापूिर्त हो रही है। शनिवार को अमर उजाला की टीम बबीना के विद्यालयों में पहुंची थी। बबीना ब्लॉक स्थित एनडी तिवारी मेमोरियल इंटर कॉलेज में एक कक्ष के बाहर प्रयोगशाला का बोर्ड लगा हुआ था, लेकिन जब वह कक्ष खोलकर देखा गया तो वह स्टोर रूम निकला। हालांकि कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति अच्छी थी।
उधर, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बबीना में पिछले डेढ़ साल से प्रयोगशाला का निर्माण ही पूरा नहीं हो पाया। शासन ने सिर्फ एक ही किस्त जारी की थी, जिससे आधा ही काम हो सका है। हालांकि एक कक्ष को प्रयोगशाला बनाया गया है, लेकिन विद्यालय में कक्ष कम होने के कारण उसी में कक्षा संचालित हो रही थीं। वहीं कक्षा में पीछे कुछ उपकरण भी रखे हुए थे।
उधर, इन विद्यालयों में पहुंचे संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) प्रेम प्रकाश मौर्य और उप शिक्षा निदेशक संस्कृत पाठशाला राजकुमार विश्वकर्मा विद्यालय ने सुधार के निर्देश दिए और शिक्षकों से विद्यालय की स्थिति का ब्योरा भी लिया।
दो सत्रों की किताबें पुस्तकालय में खा रहीं धूल
झांसी। जिला पंचायत द्वारा संचालित श्री लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज बबीना में विद्यालय की स्थिति बहुत ही खराब मिली। विद्यालय में आठ लोगों का स्टाफ है, जिसमें एक शिक्षक नेता भी हैं, लेकिन विद्यालय में वे उपस्थित नहीं थे, न ही उन्होंने ऑनलाइन अवकाश लिया था। वहीं उपस्थिति रजिस्टर पर स्वयं प्रधानाचार्य समेत कई शिक्षक और स्टाफ के हस्ताक्षर नहीं थे। विद्यालय की प्रयोगशाला का कक्ष पिछले साल बारिश में ध्वस्त हो गया था। जिसका मलबा पड़ा हुआ है, हालांकि एक कमरे में कुछ उपकरण रखे हुए थे। विद्यालय के प्रधानाचार्य का कहना था कि उनके विद्यालय में विज्ञान वर्ग ही नहीं है। वहीं विद्यालय के पुस्तकालय में पिछले वर्षों की पाठ्य-पुस्तकें रखीं हुईं थीं। जो कि विद्यार्थियों को वितरित ही नहीं की गईं। पिछले दो सत्रों की किताबें विद्यालय के पुस्तकालय में धूल खा रही हैं। संवाद