संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। एक ओर जहां अभिभावक सरकारी स्कूलों से बच्चों का नाम कटवाकर निजी स्कूलों में प्रवेश करा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर झांसी में एक ऐसा सरकारी स्कूल है जहां बच्चे निजी स्कूल को छाेड़कर प्रवेश ले रहे हैं।
मऊरानीपुर ब्लाॅक के गांव रूपाधमना का अंग्रेजी मीडियम प्राथमिक विद्यालय निजी स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था और भवन को मात दे रहा है। शिक्षकों ने इस स्कूल में कायाकल्प कर पुस्तकालय, फर्नीचर और स्मार्ट क्लास बनवाई। पहले जिस स्कूल में भैंसें बांधी जाती थीं, वहां अब बच्चे खुशी-खुशी पढ़ने पहुंच रहे हैं। शिक्षक बताते हैं कि इस बार 25 बच्चों ने निजी स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में प्रवेश लिया।
मऊरानीपुर के गांव रूपाधमना के प्राथमिक विद्यालय को 2017 में अंग्रेजी माध्यम का दर्जा मिला। प्रधानाध्यापक शैलेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि पहले स्कूल की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। विद्यालय परिसर में गांववासी गाय-भैंसे बांध जाते थे।
इसके बाद उन्होंने शिक्षकों के साथ मिलकर विद्यालय की सूरत बदलने की पहल की। यहां शिक्षकों ने टीएलएम (शिक्षण सामग्री) तैयार की। इसमें चार्ट के जरिये अंकों का ज्ञान, फलों की जानकारी, थर्मामीटर, शब्द चक्र, विलोम शब्द और अन्य रोचक सामग्री शामिल की गई। इसके साथ ही विद्यालय में पुस्तकालय बनवाया गया। इसमें 350 पुस्तकें हैं। खेल मैदान के साथ ही बागवानी की गई। स्कूल की सूरत बदलने लगी तो गांव के निजी स्कूल के बच्चे इस सरकारी स्कूल में प्रवेश लेने लगे।
प्रधानाध्यापक शैलेंद्र शर्मा बताते हैं कि स्कूल में 137 बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से 25 बच्चे इस बार निजी स्कूल छोड़कर आए हैं। हर सुबह विद्यार्थियों को ड्रम के साथ पीटी करवाई जाती है। लगातार अभिभावकों के साथ बैठक कर विद्यार्थियों की प्रगति और विद्यालय की बेहतरी के सुझाव लेते रहते हैं। पिछले साल यह स्कूल स्वच्छ विद्यालय में भी शामिल था।