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अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। बांध सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट में माताटीला बांध को लेकर जताई गई खतरे की आशंका को देखते हुए इसकी सुरक्षा की कवायद भी शुरू हो गई है। इस समस्या से निपटने को सिंचाई अफसरों ने प्रस्ताव तैयार किया है। बांध पर 23 अतिरिक्त गेट बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव केंद्रीय जल आयोग को भेज दिया गया। सिंचाई अफसरों का कहना है केंद्रीय जल आयोग की टीम इसका जायजा लेने यहां आएगी। उसके बाद प्रस्ताव पर काम आगे बढ़ेगा।

हालिया बांध सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट में राजघाट से छूटने वाले 11.90 लाख क्यूसेक पानी को माताटीला बांध के लिए खतरनाक बताया गया था। विशेषज्ञों ने ऑडिट रिपोर्ट में मौसम का हवाला देते हुए कहा कि तकरीबन हर साल बेतवा में पानी का बहाव बढ़ रहा है। माताटीला बांध से 5.60 लाख क्यूसेक पानी आगे छोड़ा जा सकता है। ऐसे में अगर राजघाट से 5.60 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया तब यह माताटीला बांध के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इससे बांध के बह जाने का भी खतरा है। इसको देखते हुए ऑडिट टीम ने माताटीला बांध को सुरक्षित करने का रास्ता अभी से तलाशने की कवायद आरंभ करने की सलाह दी थी। इस पर सिंचाई अफसरों ने कवायद शुरू की। माताटीला बांध पर 23 अतिरिक्त गेट बनाकर उससे पानी को बाहर निकालने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

यह अतिरिक्त गेट बांध के बाईं ओर खाली जमीन पर बनाए जाएंगे। सिंचाई अफसरों का कहना है कि सबसे बड़ी अड़चन यहां स्थित पावर हाउस एवं एक रेलवे पुल के होने से पेश आ रही है। बांध सुधार का यह काम ड्रिप प्रोजेक्ट के तहत शामिल किया गया है। मंगलवार को सिंचाई राज्यमंत्री दिनेश खटीक से भी सिंचाई अफसरों ने इस पर चर्चा की थी। एक्सईएन मो.फरीद के मुताबिक केंद्रीय जल आयोग को प्रोजेक्ट भेजा गया है। टीम यहां आकर जायजा लेगी। उसकी मंजूरी के बाद काम शुरू होगा।



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