फर्रुखाबाद। गैरइरादतन हत्या व बलवा में अपर सत्र न्यायाधीश विष्णु चंद्र वैश्य ने गवाह व साक्ष्य के आधार पर आठ दोषियों को सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
सभी दोषियों को 17-17 हजार रुपये जुर्माना जमा करने का आदेश दिया।
आठ वर्ष पहले मेड़ के विवाद में लाठी-डंडों व असलहों की बटों से मारपीट में किसान की घायल अवस्था में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अमृतपुर थाना क्षेत्र के गांव दौलतियापुर निवासी आशाराम ने गांव लीलापुर निवासी नन्हें, पप्पू, रहीश उर्फ जितेंद्र, मिंटू, सत्यपाल, मित्रपाल, भोलू, रिंकू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
इसमें आरोप लगाया कि वह खेत जोतने गए थे। मेड़ को लेकर हुए विवाद में इन लोगों ने लाठी डंडों व असलहों की बटों से हमला कर दिया था। इसमें आशराम, धनीराम, नन्हें सिंह, राम प्रताप व अनुज घायल हो गए थे। घायल नन्हें सिंह की बरेली में उपचार के दौरान चार दिसंबर 2015 को मौत हो गई थी।
विवेचक ने नन्हें सहित आठ लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश विष्णु चंद्र वैश्य की कोर्ट में चल रही है। अभियोजन पक्ष की ओर से तेज सिंह राजपूत, अनिल बाजपेई, दीपिका कटियार ने सजा के बिंदु पर दलीलें दीं। गवाह व साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश ने 17 नवंबर को नन्हें, पप्पू, रहीश उर्फ जितेंद्र, मिंटू, सत्यपाल, मित्रपाल, भोलू, रिंकू को दोषी करार दिया था।
मंगलवार को न्यायाधीश ने आठों दोषियों को सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 17-17 हजार रुपये अर्थदंड जमा करने के आदेश दिए। अर्थदंड न जमा करने पर सभी को छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भोगने के आदेश दिए।