जालौन। साधु टीएल वासवानी की जयंती को सीएम योगी आदित्यनाथ ने नो नॉनवेज डे घोषित किया है।
इस दिन सभी बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद नो नॉनवेज डे पर नगर में स्थित मीट की दुकानें खुली रहीं। जिस पर हिंदूवादी संगठनों ने रोष व्यक्त करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
प्रदेश सरकार ने शाकाहारी जीवनशैली को अपनाने की प्रेरणा देने वाले साधु टीएल वासवानी की जयंती पर 25 नवंबर को ‘नो नॉनवेज डे’ घोषित किया है। जिसे लेकर पत्रकार वार्ता में हिंदू युवा वाहिनी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष राजा सिंह सेंगर ने बताया कि हमारे देश में अहिंसा पर जोर देने वाले महापुरुषों की जयंती को अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जैसे हम महावीर जयंती, बुद्ध जयंती, गांधी जयंती मनाते हैं वैसे ही साधु टीएल वासवानी जयंती भी मनानी है। ऐसे में शाकाहारी जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देने वाले साधु टीएल वासवानी की 25 नवंबर की जयंती को प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री ने नो नॉनवेज डे घोषित किया था। इस दिन सभी बूचड़खाने और मांस की दुकानें बंद रखने के आदेश दिए गए थे। प्रदेश के सीएम की घोषणा के बाद भी नगर में मांस के होटल, मुर्गे, मछली आदि की दुकानें खुली रहीं और दिन भर बेजुबान जानवरों को मारा जाता रहा।
गोसंपदा संरक्षण शोध संस्थान के संस्थापक अनिल शिवहरे ने कहा कि नो नॉनवेज डे की घोषणा के बाद भी नगर में मीट के होटल और दुकानों पर न तो पुलिस की और न प्रशासन की नजर पड़ी। कहा कि हिंदू युवा वाहिनी और गोसंपदा संरक्षण शोध संस्थान पिछले लगभग एक वर्ष से नगर में एक भी स्लॉटर हाउस न होने और बिना लाइसेंस के लगातार होटलों पर बिक रहे मांस और तीली, कबाब आदि को बंद कराने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन कोई सहयोग नहीं कर रहा है।
उन्होंने नगर में अवैध रूप से चल रही मांस की दुकानों को बंद कराने और नो नॉनवेज डे को नगर में खुली मांस की दुकानों पर कार्रवाई कराने की मांग की। इस दौरान मनोज गुप्ता, अनूप दीक्षित, कपिल, रामजी ताम्रकार, सत्यम, रुपेश, हर्ष, अमन, अनुपम व पवन आदि मौजूद रहे।