
chitrakoot bomb blast
– फोटो : अमर उजाला
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चलो यहां के मैदान में पानी भरा है तो आज सीआईसी में फुटबाल खेलने चला जाए…। रूद्रा चलो जल्दी, आंटी उसे भेज दीजिए देर हो रही है। बस यही यश, पारस व प्रभात के अंतिम वाक्य पूरे कर्वी मॉफी गांव में गूंज रहे हैं। नम आंखों से मृतकों के परिजन बस यही बताते हैं कि बुधवार को स्कूल से लौटने के बाद पारस व यश एक साइकिल व प्रभात एक अलग साइकिल से गांव से निकले थे।
वहां पर उन्हें विद्यानगर निवासी मोहित साइकिल लेकर मिला। फुटबाल खेलने के पूर्व सभी ने कहा कि चलो प्रदर्शनी देखी जाए तो वह सब पन्नी से ओढाकर रखे गए पटाखों को देखने जा पहुंचे। किसी को आभास नहीं था वह हर पल मौत की ओर बढ़ते चले जा रहे हैं। एक ही स्थान पर चारों खड़े थे तभी हादसे में सभी शिकार हो गए फिर कभी घर नहीं लौट पाए।