माफिया मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
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माफिया मुख्तार अंसारी के सारे मामलों की सुनवाई यूपी छोड़कर अन्य राज्य की अदालत में कराने के साथ उसकी जेल की भी बदलने की मांग हुई थी। मुख्तार के अधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि उसे दो बार बांदा जेल में दोपहर के खाने में जहर दिया गया। शासन प्रशासन उसकी हत्या कराना चाहता है। पूर्व एमएलसी विजय सिंह को बचाने के लिए उसके खिलाफ गवाही देने से रोका जा रहा है।
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की दो दिन पूर्व तबियत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुख्तार के अधिवक्ता सौभाग्य मिश्रा का आरोप है कि उनके साथ जेल में संविधान से हटकर कार्रवाई की जा रही है। उनके बेटे उमर व अन्य परिजन को मिलने या बात करने तक नहीं दी गई। 40 दिन पहले भी उसे भोजन में जहर दिया गया। दस दिन पहले भी दोपहर के भोजन में जहर दिया गया। उनका आरोप है कि जेल अधिनियमों के विपरीत शासन प्रशासन कार्य कर रहा है। दरअसल एमपी एमएलए कोर्ट गाजीपुर में पूर्व विधायक विजय सिंह को बचाने के लिए उनकी गवाही रोकी जा रही है इसलिए पेशी नहीं कराई जा रही।
हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिसमें मुख्तार की जान का खतरा बताया गया था। उनके स्वास्थ्य व सुरक्षा के इंतजाम की प्रतिदिन की रिपोर्ट जमा करने की मांग की गई थी। बांदा जेल में दो बार जहर देकर मारने के प्रयास की रिपोर्ट जिम्मेदारों ने अदालत में अभी तक नहीं दी है। मुख्तार के कई जगह दिल्ली, बाराबंकी, वाराणसी, गाजीपुर में मामले चल रहे हैं।