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भारतीय रेलवे समय-समय पर ट्रेन यात्रा के नियमों में बदलाव करता रहता है। नियम बनाने के पीछे का उद्देश्य यात्रियों के लिए यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाना है। हाल ही में रेलवे ने वेटिंग टिकटों पर सख्ती बढ़ाते हुए नया नियम लागू करने का फैसला किया है. इस नियम के बाद अब आपका टिकट वेटिंग है तो आप एसी या स्लीपर कोच में यात्रा नहीं कर पाएंगे, इसका मतलब है कि आप वेटिंग टिकट वाले आरक्षित कोच में यात्रा नहीं कर पाएंगे।

यह नियम क्यों लागू किया जा रहा है?
रेलवे प्रशासन ने वेटिंग टिकट धारकों को आरक्षित डिब्बे में यात्रा करने पर रोक लगा दी है। इसमें स्टेशन से ऑफलाइन टिकट खरीदने वाले लोग भी आएंगे। यात्रियों को होने वाली असुविधा को देखते हुए इस नियम को लागू करने का फैसला लिया गया है. हालांकि, रेलवे ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। कई यात्राओं के लिए यात्री रेलवे स्टेशन से वेटिंग टिकट खरीदते हैं और आरक्षित कोच में यात्रा करते हैं। इस दौरान यात्री एसी या स्लीपर वेटिंग टिकट खरीदकर इन आरक्षित कोचों में यात्रा करते हैं।

रेलवे के नियम साफ कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति विंडो से वेटिंग टिकट लेता है तो उसे रद्द कर दिया जाएगा और पैसे वापस कर दिए जाएंगे. लेकिन यात्री ऐसा नहीं करते और बेखौफ होकर ट्रेन में सफर करते हैं.

कितना लगेगा जुर्माना?
इस नियम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. इससे अन्य यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है. इसमें अगर वेटिंग टिकट पर यात्रा करने वाला कोई यात्री आरक्षित डिब्बे में पाया जाता है तो टीटीई 440 रुपये का जुर्माना लगाकर उसे रास्ते में ही उतार सकता है. एसी कोच में यात्रा करने वालों से 440 रुपये और स्लीपर कोच में यात्रा करने वालों से 250 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें अगले स्टेशन पर छोड़ दिया जाएगा. दूसरा विकल्प यह है कि इसे रास्ते में न ले जाकर जनरल कोच में भी भेजा जा सकता है.



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