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shopkeeper ended his life due to financial constraints In Jhansi

सुनील विश्वकर्मा ने की आत्महत्या
– फोटो : अमर उजाला

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आर्थिक तंगी से परेशान युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। कुछ महीने पहले उसने चाट का ठेला लगाना शुरू किया था। इसमें भी उसे घाटा लगने लगा। इससे परेशान होकर सोमवार सुबह उसने घर के अंदर एक कमरे में फांसी लगा ली। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया है।

सुनील विश्वकर्मा (36) पुत्र नवल किशोर परिवार के साथ सीपरी बाजार थाने के ग्वालटोली इलाके में रहता था। परिजनों ने पुलिस को बताया कि सुनील पहले बढ़ईगिरी करता था। लेकिन इस काम से परिवार का खर्च पूरा नहीं हो पाता था। इसके बाद उसने ध्यानचंद स्टेडियम के सामने उसने चाट का ठेला लगाना शुरू कर दिया। इसमें भी उसे फायदा नहीं हो रहा था। मानसिक तौर पर वह परेशान रहते लगा और नशे का भी आदी हो गया। पिछले करीब एक माह से वह ठेला भी नहीं लगा रहा था। 

रविवार रात को भी वह नशा करके घर लौटा था। इसके बाद सोमवार सुबह अपने बड़े भाई के कमरे में पहुंचा और यहां लगे हुक के सहारे उसने फांसी लगा ली। सुबह करीब साढ़े नौ बजे जब उसका भाई कमरे में पहुंचा। तब सुनील फांसी के फंदे से लटका हुआ था। यह देखकर उसकी चीख निकल पड़ी। सूचना मिलने पर सीपरी बाजार पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराकर उसे परिजनों को सौंप दिया है।

पैसों की तंगी के चलते बच्चों का नहीं करा सका था एडमिशन

उसके भाई महादेव का कहना है परिवार आर्थिक परेशानी में था। इस वजह से बच्चों का भी एडमिशन स्कूल में नहीं हो सका। सुनील की पत्नी खुशबू सिलाई का काम करती है। उनके दो बच्चे 12 साल का बेटा वंश और 7 साल की बेटी वंशिका है। पैसों की कमी के कारण दोनों का अभी एडमिशन तक नहीं हुआ था। तीन भाइयों में सुनील सबसे बड़े थे। उनसे छोटा महादेव और मनोज है। सुनील के पिता की 2020 में कोरोना काल के दौरान मौत हो गई थी।



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