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झांसी। नगर निगम में महापौर के चुनाव में कमल खूब खिला। कमल का पीछा हाथ का पंजा करता रहा। कहीं साइकिल तो कई जगह हाथी भी चला। कुल मिलाकर अधिकतर बूथों पर बीजेपी के ही मेयर प्रत्याशी से कभी कांग्रेस, कभी सपा तो कभी बसपा का मुकाबला रहा।

नगर निगम में इस बार भी मेयर की सीट जीतकर भाजपा हैट्रिक लगाने की कोशिश में है। वहीं, कांग्रेस, सपा और बसपा लोकसभा चुनाव से पहले महापौर की सीट जीतकर अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाने की फिराक में है। सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार में दिन-रात एक कर दिया। हालांकि, सपा, बसपा से लेकर कांग्रेस प्रत्याशी के लिए पार्टी का कोई भी बड़ा नेता चुनाव प्रचार या जनसभा करने के लिए नहीं आया। मगर बीजेपी के प्रत्याशी बिहारी लाल आर्य के लिए तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तक ने झांसी में जनसभा की। इसके अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार की। बृहस्पतिवार को मतदान के दौरान हर जगह भाजपा के तो बस्ते दिखाई दिए मगर विपक्षी पार्टियों के बस्ते कहीं-कहीं ही दिखे। हंसारी क्षेत्र के कुछ वार्ड में कांग्रेस मजबूत दिखाई दी। तालपुरा, प्रेमनगर आदि इलाकों के वार्डों में बीएसपी ने भाजपा को टक्कर दी। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में साइकिल और भाजपा में मुकाबला दिखाई दिया।

सफल होती दिख रही भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग

झांसी। महापौर की सीट पर भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग कारगर साबित होती दिख रही है। पार्टी ने दलित वोट बैंक को साधने के लिए जहां कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य को झांसी का प्रभारी मंत्री बनाया। वहीं, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की जनसभा के जरिए पिछड़े वर्ग के वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। निकाय चुनाव की तारीखों के एलान से ठीक पहले ब्राह्मण वोटरों को एकजुट रखने के लिए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को भी झांसी भेजा गया।

तीन पार्टियों में बंट गए मुस्लिम वोट

झांसी। नगर निगम चुनाव में मुस्लिम वोटों का बिखराव होता दिखाई दिया। कहीं कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद कुमार बबलू, कहीं सपा प्रत्याशी सतीश जतारिया तो कहीं बसपा के प्रत्याशी भगवानदास फुले के पक्ष में मुस्लिम मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।



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