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चित्रकूट। जिला जेल में माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र व विधायक अब्बास अंसारी से उसकी पत्नी निखत बानो की गैरकानूनी मुलाकातें करवाने का मामले में चार्जशीट अदालत में दायर कर दी गई है। 850 पेज की चार्जशीट में जेल अफसरों से लेकर कर्मचारियों तक की करतूतें दर्ज हैं। चौंकाने वाली बात यह भी सामने आ रही है कि जेल अधीक्षक ने 13 माह दस दिन तक अपने खाते से वेतन ही नहीं निकाला। अब उन्हें अदालत में इसका जवाब देना होगा कि बिना वेतन के परिवार का खर्च कैसे चल रहा था।

जेल अधीक्षक पर आरोप है कि जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी से कराई गईं गैरकानूनी मुलाकातों के बदले उन्हें अच्छी खासी रकम व मंहगे गिफ्ट मिले थे। पुलिस जांच में सामने आया कि उन्होंने अपने एक बैक खाते से एक जनवरी 2022 से लेकर 10 फरवरी 2023 तक वेतन ही नहीं निकाला। लोन की किस्त के अलावा 12 लाख रुपये कार की पेमेंट के रूप में दिए गए हैं।

एक के खिलाफ चार्जशीट बाकी

विवेचना अधिकारी सीओ सिटी हर्ष पांडेय ने बताया कि 10 लोगों के खिलाफ साक्ष्य संकलन कर चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इसमें जेल अधिकारी कर्मचारी के अलावा चित्रकूट के सहयोगी नवनीत व फराज भी शामिल हैं। एक अन्य आरोपी वाराणसी से पकड़े गए शहबाज के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जल्द ही इसकी भी चार्जशीट दाखिल की जाएगी। इसके बाद अग्रिम कार्रवाई होगी।

11 फरवरी को डीएम और एसपी ने मारा था जेल में छापा

जिला जेल में 11 फरवरी को डीएम अभिषेक आनंद व एसपी वृंदा शुक्ला ने छापा मारकर विधायक अब्बास की पत्नी निखत बानो को एक अधिकारी के कमरे में पकड़ा था। वह पति से गैरकानूनी तरीके से मिलने आई थी। उसके वाहन चालक नियाज अंसारी को भी पकडा गया था। रगौली चौकी प्रभारी श्याम देव सिंह ने कर्वी कोतवाली में अब्बास, उनकी पत्नी निखत, जेल अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार, डिप्टी जेलर सुशील कुमार, चंद्रकला, ड्राइवर नियाज, वार्डर जगमोहन और कुछ अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गृह विभाग के आदेश पर डीआईजी जेल प्रयागराज को जांच सौंपी गई थी। निखत अंसारी 11 फरवरी से ही जेल में है। उसका पति अब्बास अंसारी को चित्रकूट जेल से कासगंज जेल भेज दिया गया है।

जेल अधीक्षक समेत आठ हुए थे निलंबित

मामले में जेल अधीक्षक, जेलर, दो डिप्टी जेलर और कुछ वार्डर समेत आठ लोग निलंबित किए गए थे। निखत और ड्राइवर नियाज को भी विभिन्न धाराओं में मामला दर्जकर कोर्ट में पेश किया गया था। डीआईजी विपिन मिश्रा व एसपी वृंदा शुक्ला ने खुलासा किया था कि जेल अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार और वार्डर जगमोहन ने निखत और अब्बास को मिलाने के नाम पर मोटी रकम और कई तरह के महंगे गिफ्ट लिए। निखत से अब्बास की मुलाकात कराने में डिप्टी जेलर चंद्रकला का भी हाथ था। इसके पास से घूस के पांच लाख 80 हजार रुपयेए 2 मोबाइल फोन एक कार बरामद हुई थी। जेलर के आवास के बाथरूम से चार लाख कैश मिला था। फिलहाल सभी जेल में हैं। जेल की कैंटीन के ठेकेदार नवनीत सचान व सहयोगी सपा नेता फराज खान को भी पुलिस ने जांच के दौरान पकड़ा था, जो लखनऊ जेल में बंद हैं।

कोट

सीओ सिटी हर्ष पांडेय ने बताया कि पूछताछ के दौरान अशोक सागर व जेलर संतोष कुमार ने कार खरीदने और उनके घर मिले पैसों का ब्योरा नहीं दे पाए थे। पूछताछ में उन्होंने कबूला था कि अब्बास अंसारी से मिले पैसों से कार खरीदी थी। इसका नकद भुगतान किया था। जेल अधीक्षक के एक बैंक खाते से 13 माह 10 दिन तक कोई रकम नहीं निकाली गई है। ऐसे में कई सवाल सामने आए हैं। चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी गई है।



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