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बांदा। चित्रकूटधाम मंडल में रबी की बुआई का पीक समय चल रहा है, लेकिन मंडल में करीब 14 हजार बीघे का किसान पलेवा नहीं कर पा रहे हैं। बांदा और हमीरपुर में 41 सरकारी नलकूप ठप है। विभाग इनमें यांत्रिक और विद्युत खराबी बता रहा है। किसान रबी की बुआई के लिए मुंहमांगी कीमत देकर प्राइवेट नलकूपों से पलेवा के लिए पानी ले रहे हैं।

मंडल के तीन जिलसें बांदा, चित्रकूट व हमीरपुर में 1234 सरकारी नलकूप है। रबी सीजन की बुआई के पीक समय में मंडल में बड़ी संख्या में नलकूप खराब पड़े है। आंकड़ों की माने तो बांदा में 19 व हमीरपुर में 22 और चित्रकूट में एक नलकूप खराब है। इनमें 16 नलकूप डेढ़ क्यूसेक पानी देने वाले हैं, जबकि 25 नलकूप एक क्यूसेक पानी देने वाले हैं। इस कारण करीब मंडल में करीब 14250 बीघे खेतों को पलेवा के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। किसान निजी नलकूप से 500 रुपये घंटे की दर से पानी खरीदकर खेतों का पलेवा कर खेतों की बुआई कर रहे है। जिससे किसानों में सरकारी तंत्र पर खासा आक्रोश है।

विभागी मानक के अनुसार डेढ़ क्यूसिक पानी देने वाला नलकूप 500 बीघे में व एक क्यूसेक पानी देने वाला नलकूप 250 बीघे में सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराता है।

तीन माह से खराब है नलकूप

जसपुरा के किसान जमुनादीन का कहना है कि सरकारी नलकूप नंबर-3 छह माह से खराब पड़ा है। पहले खरीफ में पानी खरीद कर सिंचाई की और अब रबी के पलेवा को पानी खरीद रहे हैं।

खेत का नहीं कर पा रहे पलेवा

नरैनी गुढ़ाकला के किसान रणविजय का कहना है कि आए दिन कभी यांत्रिक तो कभी विद्युत दोष से नलकूप खराब रहता है। जिससे रबी की फसल का पलेवा नहीं कर पा रहे है।

लंबे समय से खराब पड़ा है नलकूप

खप्टिहा के किसान दुल्ला सिंह चंदेल का कहना है कि चंदेली पुरवा का सरकारी नलकूप अर्से से खराब पड़ा है। जिससे चार-पांच सौ बीघे की फसल को पानी नहीं मिल पा रहा है।

वर्जन-

नलकूप खराब और ठीक होते रहते है। यह सतत प्रक्रिया है। इनके ठीक करने के लिए इंजीनियर लगे है। इतने नलकूप खराब बने रहते है।

हमीदउल्लाह, अधीक्षण अभियंता नलकूप, चित्रकूटधाम मंडल, बांदा



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