चित्रकूट। हाईवे पर बगरेही के पास मंगलवार को हुए भीषण सड़क हादसे में सात लोगों की मौत ने सभी को हिला कर रख दिया है। जिले में दो नेशनल हाईवे हैं। इसमें से झांसी-मिर्जापुर हाईवे मुख्यालय बांदा व प्रयागराज को जोड़ता है, जबकि दूसरा हाईवे मुख्यालय से राजापुर होते हुए कौशांबी जाता है। इन हाईवे पर भी ब्लैक स्पॉट को बनाए गए हैं, लेकिन वहां संसाधन एक भी नहीं दिखाई देता है। इससे हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिले में कुल 13 ब्लैक स्पॉट हैं और हर साल 20 से 25 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। करीब 60 से अधिक वाहन सवार घायल होते हैं।
भरतकूप क्षेत्र में गोड़ा, रौली कल्याणपुर, सुदिनपुर, शिवरामपुर स्थित भांगा नाला, जिला मुख्यालय में बेड़ी पुलिया, मंदाकिनी पुल सहित भौंरी, मऊ व बरगढ़ क्षेत्र मे ब्लैक स्पॉट बने हुए हैं। इसी तरह से कर्वी से राजापुर होते हुए कौशांबी जाने वाले हाईवे में शहर के गल्लामंडी के पास, लोढ़वारा मोड़, अशोह श्रमदान सहित राजापुर क्षेत्र में व कर्वी- मानिकपुर रोड़ के काली घाटी में ब्लैक स्पॅाट बने हैं।
ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने के बाद नियम है कि उक्त स्थान के पास डेढ़ सौ मीटर आगे पीछे साइन बोर्ड लगाए जाएं। इसमें वाहन की गति सीमा अधिकतम ४० किमी प्रति घंटा लिखी जाती है, ताकि वाहन चालक भी रफ्तार को नियंत्रित रख सके।