चित्रकूट। जिला जेल के एक बंदी की शुक्रवार की सुबह अचानक तबियत बिगड़ऩे पर जिला अस्पताल लाया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जानकारी होने पर परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। मृतक बंदी पर पड़ोसी महिला के जिंदा जलकर मरने के बाद आत्महत्या के लिए उकसाने और गोकशी का मामला दर्ज था।
जेल अधीक्षक शशांक पांडेय ने बताया कि बंदी कांशीराम कालोनी लोढ़वारा निवासी जुम्मन (55) की शुक्रवार की सुबह सीने में दर्द की शिकायत हुई। तत्काल उसे जेल के अस्पताल में भेजा गया। मौजूद डॉक्टर व स्टॉफ ने इलाज किया। हालत सही न होने पर उसे सुबह छह बजकर 38 मिनट पर जिला अस्पताल भेजा गया। सुबह सात बजकर 51 मिनट पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहां के डॉक्टरों की प्रथम रिपोर्ट के अनुसार हार्ट अटैक से बंदी की मौत हुई है। इसकी जानकारी होने पर मृतक की सास मुन्नी बेगम परिजनों के साथ अस्पताल पहुंची।
मृतक की सास ने आरोप लगाया कि दो दिन पूर्व वह जेल में जुम्मन से मिलने गई थी। जल्द ही उसकी जमानत होने वाली थी। उसकी तबियत खराब होने की जानकारी नहीं दी गई। आरोप यह भी लगाया कि उसका इलाज सही नहीं किया गया। जेल अस्पताल में इलाज के बदले डॉक्टर व स्टॉफ ने 20 हजार रुपये की मांग रखी थी। रुपये न देने पर उसका सही इलाज नहीं किया गया।
इसी लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई। इस संबंध में जेल अधीक्षक ने बताया कि उसकी सास दो दिन पूर्व नहीं बल्कि दो दिसंबर को मिलने आई थी। तब वह पूरी तरह स्वस्थ्य था। रुपये मांगने की बात पूरी तरह गलत है। डॉ.विकास सिंह ने बताया कि किसी मरीज से रुपये नहीं मांगे गए यह आरोप निराधार है।
चित्रकूट। इस बंदी पर कालोनी की ही शीला पत्नी श्रीराम को 29 नवंबर 2018 के जिंदा जलकर मरने के मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने और सन 2013 में गो क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज था। 22 दिसम्बर 2018 से जिला कारागार रगौली में बंद था। मृतक कैदी के दो पुत्र, एक पुत्री हैं। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम कराया है।
कैदी की बिगड़ी हालत, भर्ती
चित्रकूट। बांदा जिले के बिसंडा थाना अंतर्गत गड़ांव गांव के लवलेश एनडीपीएस एक्ट के मामले में जेल में निरुद्ध है। जिसकी शुक्रवार को सवेरे खून की कमी होने के चलते जेल कर्मियों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। (संवाद )