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कोर्ट का लोगो लगेगा

ससुराल में फंदे पर लटका मिला था विवाहिता का शव

न्यायालय ने 10 साल पुराने मामले में सुनाया फैसला

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र यादव की अदालत ने विवाहिता की मौत के मामले में उसके पति, ससुर और सास को सात-सात साल के कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने 10 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया है।

मोंठ के ग्राम फतेहपुर निवासी पहलवान पाल ने चिरगांव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उसने अपनी बेटी राजेश्री की शादी छह मार्च 2011 को चिरगांव के मुहल्ला राष्ट्रकवि निवासी विजय पाल के साथ की थी। शादी के बाद ससुराल पक्ष की ओर से बेटी से लगातार दहेज की मांग की जा रही थी। इस पर उन्हें 60 हजार रुपये दिए थे, लेकिन इसके बाद वे एक लाख रुपये नकद और मोटरसाइकिल की मांग करने लगे।

यह मांग पूरी न करने पर ससुराली बेटी का उत्पीड़न करने लगे। 23 अगस्त 2013 को दामाद ने फोन कर बेटी की मौत की सूचना दी। इस पर वह बेटी के घर गए तो उसका शव रसोई में फंदे पर लटका हुआ था। शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले की विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार पांडेय ने बताया कि न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त पति विजय पाल, ससुर वृषभान व सास धनकू को सात-सात साल के कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया, जिसकी अदायगी न करने पर अभियुक्तों को तीन-तीन माह का कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।



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