अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। जानलेवा हमले का आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार तृतीय की अदालत ने पांच अभियुक्तों को सात-सात साल के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष अधिवक्ता विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि वादी मनोज कुमार ने 4 मार्च 2007 को थाना बरुआसागर में तहरीर देते हुए बताया था कि उसके पिता की कृषि भूमि घुघुवा गांव में है। इसे चंद्रभान का बंटाई पर दिया गया है। इस जमीन को लेकर घुघुवा निवासी राकेश, महेंद्र ढीमर अक्सर विवाद करते थे। दो मार्च को दोनों अपने साथियों के साथ खेत में पहुंचे और चंद्रभान एवं उसकी पत्नी को पीटकर घायल कर दिया। आरोपी राकेश ने लाइसेंसी बंदूक से फायर झोंक दिए। कुछ दिन बाद दोबारा राकेश, नंदू, महेंद्र, प्रकाश, रतनलाल, धर्मेंद्र समेत चार अज्ञात लोगों के साथ हथियार लेकर आ पहुंचे। यहां मारपीट करने के साथ ही लूटपाट की। हवाई फायर करते हुए भाग निकले। बरुआसागर थाने में आरोपियों के खिलाफ धारा 307 समेत आईपीसी की अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली। इस मामले में प्रस्तुत साक्ष्य एवं गवाहों के आधार पर आरोपी राकेश, नंदू, प्रकाश, रतनलाल उर्फ रामरतन एवं धर्मेंंद्र को सात साल के सश्रम कारावास समेत अर्थदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अर्थदंड में तीस हजार रुपये वादी को देने का आदेश दिया है।