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गोपनीय विभाग से सत्यापन के आवेदनों का रिकॉर्ड बाहर आया, अब कुलसचिव ने तलब की रिपोर्ट

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से एक साल से भी ज्यादा समय से सत्यापन के लिए आने वाले आवेदनों का डाटा लीक होता रहा। खुद को शिक्षा सलाहकार बताने वाला व्यक्ति लगातार सोशल मीडिया पर छात्रों के नाम से पोस्ट डालता रहा और किसी भी तरह का सत्यापन कराने का दावा करता रहा। मगर बीयू अफसरों को खबर तक नहीं लगी। अब कुलसचिव ने पूरे मामले में रिपोर्ट तलब कर ली है।

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराने के नाम पर खूब खेल चला। कई बार फर्जीवाड़ा पकड़ में भी आया। इसके बाद बीयू प्रशासन ने किसी भी दस्तावेज का सत्यापन कराने के लिए अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगने शुरू कर दिए। जिन छात्रों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए ऑनलाइन आवेदन आते हैं। उसे सिर्फ एक कर्मचारी देख सकता है। इसके लिए यूजर आईडी और पासवर्ड डालना पड़ता है। वहीं, गोपनीय सत्यापन आख्या के लिए जब अभ्यर्थी की सूची तैयार होती है तो उसकी जानकारी भी चुनिंदा कर्मचारियों को ही होती है। इसके बावजूद, खुद को शिक्षा सलाहकार बताने वाला एक व्यक्ति अक्तूबर 2022 से ये डाटा सोशल मीडिया पर डाल रहा है। कभी किसी छात्र का फार्मेसी का डिप्लोमा प्रमाणपत्र की फोटो डालकर वो लिखता है कि छत्तीसगढ़ से फार्मेसी से सत्यापन आया है, जिसका है संपर्क करें। तो कभी लिखता है कि किसी भी तरह के ताजा या लंबित सत्यापन के लिए संपर्क करें। बाकायदा, उसने पोस्ट में फोन नंबर भी डाला है। खास बात ये है कि पिछले एक साल ये बीयू का डाटा लीक हो रहा था। मगर अधिकारियों को खबर तक नहीं थी। अब जब पुरातन छात्रों ने बीयू प्रशासन से शिकायत की तो मामला खुला। इस मामले में सोमवार को कुलसचिव ने रिपोर्ट तलब कर ली है। उन्होंने उप कुलसचिव को जांच कर इस मामले में लिप्त स्टाफ की जानकारी मांगी है।

ये मामला गंभीर है। पुरातन छात्रों की शिकायत प्राप्त हुई है। उप कुलसचिव से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – विनय कुमार सिंह, कुलसचिव, बीयू।



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