झांसी। बिजौली में मंगलवार दोपहर हादसे में एक ही परिवार के दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि एक बच्चे की मां गंभीर रूप से घायल हो गई। बाइक चला रहे बच्चे के पिता को भी चोट आई है। दूसरा बच्चा बाइक चालक का भतीजा था। बच्चे मौसी की शादी में शामिल होकर परिवार के साथ बाइक से लौट रहे थे। हादसे के दौरान बाइक खड़े ट्रक में पीछे से टकरा गई थी। दोनों बच्चे अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे।
पुलिस के मुताबिक ललितपुर के डगरपुर गांव निवासी बादाम सिंह राजपूत झांसी के बिजौली स्थित एक साबुन फैक्टरी में काम करते हैं। बादाम की पत्नी निराशा की ममेरी बहन की शादी पाली पलींदा गांव में थी। इसमें शामिल होने के लिए बादाम पत्नी निराशा, बेटे अनुराग (5) और भतीजे दिव्यांश (7) को लेकर गए थे। मंगलवार दोपहर को चारों बाइक से घर लौट रहे थे। जैसे ही वह लोग खैलार गांव से आगे निकले, वहां सड़क के किनारे एक ट्रक खड़ा था। बाइक की रफ्तार तेज होने से बादाम बाइक नहीं संभाल सके और पीछे से ट्रक में जा भिड़े। बाइक में आगे ही अनुराग और दिव्यांश बैठे थे।
हादसे में दोनों बच्चे बुरी तरह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़े। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग भी दौड़ पड़े। थोड़ी देर में बिजौली चौकी इंचार्ज अश्वनी दीक्षित भी मौके पर पहुंच गए। घायलों को लेकर पुलिस अस्पताल पहुंची। डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया जबकि मां निराशा की हालत खराब देकर उसे ग्वालियर भेज दिया गया। देर-शाम पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
फूफा के घर में पढ़ने के लिए रुक गया था दिव्यांश
सड़क हादसे में मारे गए दोनों मासूम बच्चे अपने परिवार के इकलौते बेटे थेेेेे। परिजनों का कहना है कि अनुराग परिवार का इकलौता बेटा था जबकि एक बहन उससे करीब आठ साल बड़ी है। इसी तरह बादाम का भतीजा दिव्यांश भी अपने पिता का इकलौता लड़का था। उसके पिता सुमित बबीना के भड़रा गांव में खेती बाड़ी करते हैं। उनके परिवार में डेढ़ साल की छोटी बहन है। करीब 15 दिन पहले ही दिव्यांश अपने फूफा बादाम के घर आया था। यहां पढ़ने के लिए वह रुक गया था। दोनों बच्चों की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया।
हादसा देखकर कांप उठा कलेजा
सड़क पर जिस भी राहगीर ने यह हादसा देखा उसका कलेजा कांप उठा। हादसे के बाद मां के ऊपर ही उसका बेटा अनुराग लहूलुहान हालत में पड़ा था। कुछ ही देर में उसकी सांस थम गई। मां निराशा को उस दौरान कुछ देर के लिए होश आया। होश आने पर सबसे पहले उसने अनुराग को संभाला लेकिन, जब तक वह कुछ समझा पाती, वह फिर से अचेत हो गई।