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Gyanvapi case Hindu side fighting for 353 years Hari Shankar Jain said Shiva temple in Gyanvapi

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु जैन
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित मां श्रृंगार गौरी के मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की पुनरीक्षण याचिका खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने हाईकोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह मील का पत्थर साबित होगा। हिंदू पक्ष 353 वर्षों से संघर्ष कर रहा है।अब वह दिन बहुत दूर नहीं है, जब ज्ञानवापी में भव्य शिव मंदिर बनेगा। भोलेनाथ चाहते हैं कि ज्ञानवापी में उनका मंदिर बने और हम उसी ओर आगे बढ़ रहे हैं।

इधर, मां श्रृंगार गौरी के मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की पुनरीक्षण याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने सधी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमने जबसे यह मुकदमा दाखिल किया था, तबसे हम कह रहे हैं कि यह पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम और वक्फ अधिनियम से बाधित नहीं है।

 1993 तक हिंदू पक्ष के लोग नियमित दर्शन-पूजन करते थे

अधिवक्ता ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में नवंबर 1993 तक मां श्रृंगार गौरी की पूजा हिंदू समाज के लोग करते चले आ रहे थे। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने वहां मनमाने तरीके से साल में सिर्फ एक दिन दर्शन-पूजन की व्यवस्था बना दी।

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