बांदा। भीषण गर्मी में पशु-पक्षियों को पानी की दिक्कत न हो, इसके लिए चित्रकूटधाम मंडल के तकरीबन 1200 तालाबों और पोखरों को नहरों से भरा जा रहा है। हालांकि कई माइनरों की सफाई नहीं हुई है। इस कारण अंतिम छोर तक नहीं पहुंच रहा है। करीब चालीस फीसदी तालाबों तक पानी पहुंचने में संशय है।
चित्रकूटधाम मंडल के बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा के 1200 तालाबों को भरने के लिए एक मई से नहरों में पानी छोड़ दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि नहरें पूरे एक सप्ताह चलेंगी। नहरों का पानी माइनरों के माध्यम से तालाबों तक पहुंचेगा। खास बात यह है कि बांदा के तिंदवारी, बबेरू और कालिंजर क्षेत्र के कई ऐसे माइनर हैं, जिनकी टेल तक सफाई नहीं हुई है। इसी तरह अन्य जनपदों में भी कई माइनरों की टेल तक सफाई नहीं हुई है। इससे तालाबों तक पानी पहुंचा संभव नहीं है।
ऐसे में कई तालाब सूखे ही रह जाएंगे। विभागीय अफसरों का दावा है कि बांधों में अबकी पर्याप्त पानी है। बांदा में सिंचाई प्रखंड तृतीय व केन नहर प्रखंड डिवीजन के 440 तालाब भरे जाएंगे। इसके अलावा चित्रकूट, महोबा व हमीरपुर के तालाब व पोखर भरे जाएंगे। तालाबों को भरने के लिए पंचायतीराज विभाग व सिंचाई विभाग को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी दी गई है।
चित्रकूटधाम मंडल के तालाबों की स्थिति
जनपद तालाब सूखे
बांदा 2290 502
महोबा 2385 474
हमीरपुर 2019 392
चित्रकूट 2100 320
योग 8794 1688
सूखे पड़े हैं कई माइनर
तिंदवारी व बांदा ब्लॉक में कई माइनरों में दो दिन बाद भी टेल तक पानी नहीं पहुंचा। यहां पर माइनर सूखे पड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सफाई न होने से पानी टेल तक नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में तालाबों को भरना विभाग के लिए टेढ़ी खीर है। तिंदवारी के बडौची का कहना है कि पिछले साल भी निजी नलकूपों से तालाब न भरे जाते तो शायद पशुओं को पानी ही नहीं मिलता। विभाग चाहे जितने भी दावे करे, लेकिन नहरों से शत प्रतिशत तालाब नहीं भरे जा सकते है।
नहरों में पानी आ गया है तालाबों को भरने का काम शुरू हो गया है। अगले एक सप्ताह में लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत तालाब पोखर भर दिए जाएंगे।- श्याम जी चौबे, अधीक्षण अभियंता।