केदारघाट पर सजी सांस्कृतिक संध्या
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मां गंगा की आरती और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ ही वाराणसी में गंगा पुष्कर कुंभ की पूर्णाहुति बुधवार को हो गई। श्रद्धालुओं ने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान किए और काशी के मंदिरों की परिक्रमा की। 12 दिन में 11 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अनुष्ठान किए। अस्सी से दशाश्वमेध घाट के बीच एक लाख से अधिक दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं ने अनुष्ठान किया।
बुधवार को ब्रह्म मुहूर्त से ही गंगा के तट पर गंगा पुष्कर कुंभ के अनुष्ठान आरंभ हुए। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद, पुरखों का तर्पण कर पार्थिव शिवलिंग का पूजन किया। अंतिम दिन होने के कारण घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा रही। गंगा तट पर अनुष्ठान के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ शहर के मंदिरों की ओर मुड़ चली।
श्री काशी विश्वनाथ, मां विशालाक्षी, कालभैरव, बिंदुमाधव, संकटमोचन और दुर्गाकुंड मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। कौड़िया माता के मंदिर में कौड़ी भी चढ़ाई। चेन्नई-हैदराबाद से आए तीर्थ पुरोहित कर्मकांड पूर्ण कराकर काशी से रवाना हो गए। शाम को गंगा आरती के साथ गंगा पुष्कर कुंभ महोत्सव का समापन हो गया।
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