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ललितपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश /विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) मेराज अहमद ने शनिवार को पौने सात वर्ष पूर्व किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में दोषी युवक को 10 साल के कारावास और 12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह गौर ने बताया कि पौने सात वर्ष पूर्व थाना महरौनी क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने महरौनी थाने में तहरीर देकर बताया था कि 13 जून 2016 को उसकी 15 वर्षीय बेटी घर पर थी। तभी दोपहर बारह बजे युवक लक्खी घर पर आया और बेटी को जबरन मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गया। आरोप था कि उसकी बेटी के अपहरण में संतोष व सुम्मा का भी हाथ है। महरौनी पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली और एक जुलाई 2016 को उसकी बेटी व युवक को गांव सिलावन से बरामद कर लिया।

इसके बाद चिकित्सीय रिपोर्ट और बयानों के आधार पर महरौनी पुलिस ने मामले में दुष्कर्म की धारा में बढ़ोतरी कर दी। पुलिस ने विवेचना के दौरान मामले में संतोष व सुम्मा के नाम हटा दिए और लक्खी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित कर दिए थे।

शनिवार को न्यायाधीश ने मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पेश की गई दलीलों, साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर सुनवाई करते हुए लक्खी को दुष्कर्म व अपहरण की धाराओं में दोषी पाते हुए 10 वर्ष का कारावास एवं 12 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थंदंड अदा न करने पर उसे दो माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। वहीं न्यायाधीश ने अर्थदंड की वसूली होने पर अस्सी फीसदी राशि पीड़िता को देने के आदेश भी दिए।



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