खोही (चित्रकूट )। दीनदयाल शोध संस्थान के व्यक्तित्व विकास शिविर का समापन हो गया। शिविर में छात्र-छात्राओं को मनोरंजन और खेलकूद के साथ बौद्धिक विकास भी किया गया।
शिविर के बौद्धिक प्रमुख कालिका प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि विभिन्न सत्रों में छात्र-छात्राओं को शिविर की जरूरत उद्देश्य और महत्व, हमारा गौरवशाली अतीत, व्यक्तित्व विकास एवं अनुशासन, चित्रकूट का पौराणिक महत्व, स्वच्छ पर्यावरण, समाज एवं संस्कार व जीवन में सेवा कार्य का महत्व आदि विषयों पर मार्गदर्शन मिला।
डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि हमारी प्रथम गुरु हमारी माता, द्वितीय गुरु पिता और तृतीय गुरु शिक्षक हैं, जो हमेशा चाहते हैं हमारे बच्चे उन्नति के शिखर पर जाएं। 15 दिवसीय इस व्यक्तित्व विकास शिविर में आपको जो सिखा सकते थे उससे कहीं ज्यादा आप सबने सीखा है।
मप्र रीवा संभाग के संयुक्त शिक्षा निदेशक संतोष त्रिपाठी ने कहा कि व्यक्तित्व विकास शिविर का उद्देश्य आपकी शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक सभी प्रकार की शक्तियों का विकास करना है। शिविर के अंतिम दिन सांस्कृतिक और खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसमें बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ प्रतिभाग किया।