चित्रकूट। अयोध्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग के आयोजकत्व में रामायण उत्सव का शुभारंभ शनिवार को हुआ। जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के अष्टावक्र सभागार में मुख्य अतिथि राज्य मंत्री रामकेश निषाद, कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय, सांसद आरके सिंह पटेल, पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र ने दीप प्रज्जवलित कर वनवासी राम विषय पर आयोजित गोष्ठी में प्रतिभाग किया।
राज्य मंत्री ने कहा कि चित्रकूट भगवान राम की तपस्थली है। ऐसे में अन्य स्थानों की अपेक्षा इस स्थल का महत्व अधिक है। प्राचीन काल से यह ऋषियों मुनियों की भूमि रही है। रामायण उत्सव से चित्रकूट में सांस्कृतिक क्रांति भी आएगी। विशिष्ट अतिथि सांसद ने कहा कि इस देश को अंग्रेजों से उतना नुकसान नहीं हुआ जितना मुगलों ने सांस्कृतिक क्षति का प्रयास किया। भाजपा की डबल इंजन की सरकार से पूरे देश में सांस्कृतिक उत्सव का वातावरण बन गया है। पूर्व कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल श्रीराम के गूढ़ रहस्यों पर प्रकाश डाला। अयोध्या संस्थान के निर्देशक डा. लवकुश द्विवेदी ने आभार जताया।
इसके बाद कवि सम्मेलन रामार्चन के रूप में हुआ। जिसमें जय अवस्थी, पं. सुनील द्विवेदी आदि कवियों ने राम पर अपने स्वरचनाओं से खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम में दिव्यांग विद्यार्थियों की बनाई जा रही स्पॉट पेंटिंग जो राम वनगमन थीम पर है लोगों का मन मोह लिया। सांस्कृतिक संध्या का संयोजन डॉ. गोपाल कुमार मिश्रा ने किया। संगीत रामायण वनवासी राम के प्रसंग को शास्त्रीय संगीत की बंदिशें में अद्भुत प्रस्तुति श्रोताओं के विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।