शराबी युवक ने इतना परेशान किया था बुजुर्ग दंपती को कि पूरा सफर रोते हुए किया
आरपीएफ से नहीं मिला था न्याय, आरोपी युवक को थाने से ही छोड़ दिया गया था
जांच टीम ने भी आरपीएफ को दे दी थी क्लीन चिट, वैज्ञानिक ने जताई थी नाराजगी
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। किसी पर पेशाब करना कितना बड़ा गुनाह है? कोई भी कहेगा…अमानवीय, घृणित और जघन्य। लेकिन रेलवे ने इसे महज रेलवे क्षेत्र में गंदगी का मामला माना। जबकि वह किसी की अस्मिता से जुड़ा था। उन बुजुर्ग वैज्ञानिक के मान के खिलाफ था जिन्होंने देश को अपनी प्रतिभा के तमाम कीमती वर्ष दिए थे। उनकी पीड़ा का अहसास जब आरपीएफ को नहीं हुआ तो अमर उजाला ने यह मुद्दा उठाया। उनके दर्द, नियम- कानून और अपराध की गंभीरता को शब्द दिए। अंतत: कानून ने न्याय की दिशा में पहला कदम उठा लिया। बुजुर्ग वैज्ञानिक और उनकी पत्नी पर पेशाब कर उनके मान सम्मान से खेलने वाला अब जेल की हवा खाएगा।
बुजुर्ग दंपती ने युवक से केवल इतना कहा था कि बेटा शराब मत पीया करो। इससे आप कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। बस यही बात दिल्ली के इस युवक रितेश को इतनी बुरी लगी कि वह झगड़ा करने लगा। उस समय स्थिति यह हो गई थी कि वैज्ञानिक और उनकी पत्नी ने रोते हुए सफर किया था। उस वक्त जब हम लोगों ने उनसे फोन कर बात की तो कह रहे थे कि रेलवे को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। ताकि जैसा व्यवहार ट्रेन में हम लोगों के साथ हुआ वैसा किसी दूसरे के साथ न हो। उन्होंने यहां तक कहा था कि इस तरह के अपराध में कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए। अमर उजाला ने बुजुर्ग दंपती की इस पीड़ा को समझते हुए मुहिम चलाई। हमारी कोशिश थी कि दोषी को सख्त कार्रवाई मिले। लेकिन रेलवे और आरपीएफ लीपापोती ही करते रहे। जो जांच कमेटी बनाई गई उसने भी आरपीएफ को क्लीन चिट दे दी थी। मगर अदालत ने आज इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए न केवल धाराएं बढ़ा दीं बल्कि आरोपी को जेल भी भेज दिया है।