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वर्ष 2010 में गोरखपुर से सिकंदराबाद जा रही राप्तीसागर एक्सप्रेस में असलहे बल पर यात्रियों से गई थी लूटपाट

अपर जिला एवं सत्र न्यायालय विशेष न्यायाधीश (डकैती प्रभावित क्षेत्र अधिनियम न्यायालय) ने सुनाया फैसला

संवाद न्यूज एजेंसी

ललितपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय विशेष न्यायाधीश (डकैती प्रभावित क्षेत्र अधिनियम न्यायालय) ने राप्तीसागर ट्रेन में डकैती डालने वाले दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने राकेश तिवारी ने बताया कि 18 जून की रात 7:50 बजे रेलवे स्टेशन ललितपुर-जीरोन के बीच बदमाशों ने गोरखपुर से सिकंदराबाद जा रही राप्तीसागर एक्सप्रेस में चेन पुलिंग करके एस-4 व एस-11 में सफर कर रहीं महिला यात्रियों से असलहे के बल पर जेवरात व नकदी की लूट की वारदात को अंजाम दिया था। ट्रेन यात्री लल्लू प्रसाद निवासी गौतमनगर हैदराबाद की तहरीर पर भोपाल जीआरपी थाना पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ लूटपाट की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद जांच ललितपुर जीआरपी थाने में स्थानांतरित कर दी थी। जीआरपी ने मामले की जांच के दौरान प्रकाश में आए शाहिद अली, राजेंद्र सेन एवं हरगोविंद निवासीगण ग्राम प्रानपुर के कब्जे से लूट के गहने बरामद कर घटना का खुलासा कर दिया था। शाहिद अली, राजेंद्र सेन एवं हरगोविंद के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए गए थे। तभी से यह मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा था। मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय विशेष न्यायाधीश (डकैती प्रभावित क्षेत्र अधिनियम न्यायालय) शबिस्तां आकिल के समक्ष सुनवाई की गई। गवाहों को सुनने और साक्ष्यों को देखने के बाद न्यायाधीश ने अभियुक्त राजेन्द्र सेन को धारा 394 में दोषी पाते हुए पांच वर्ष का कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड लाया। धारा 411 में तीन वर्ष कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया। अभियुक्त हरगोविंद को धारा 411 में दोषी पाते हुए तीन वर्ष का कठोर कारावास और पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर दोनों अभियुक्तों को चार-चार माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

फैक्ट फाइल

– चेन पुलिंग करके की गई थी लूटपाट

– जेल में आरोपी नोटीराम की नहीं हो पाई थी सूरत शिनाख्त

– डकैती के चर्चित मुकदमे में 12 गवाह हुए पेश



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