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लोडिंग-अनलोडिंग चार्ज के नाम पर प्रति बोरी किसानों से वसूले जा रहे 10-10 रुपये

संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। किसान सहकारी समिति के गोदामों से लेकर अपने वाहन तक खुद ही खाद ढो रहे हैं लेकिन फिर भी समितियों पर काश्तकारों से उठान का चार्ज लिया जा रहा है। लोडिंग-अनलोडिंग के नाम पर 10-10 रुपये वसूले जा रहे हैं। ऐसे में जिस डीएपी की बोरी की कीमत 1350 रुपये है उसके भी 1360 रुपये वसूले जा रहे हैं। इससे भी किसानों में नाराजगी है।

मंगलवार को झांसी जिले की विभिन्न सहकारी खाद वितरण समितियों पर 375 मीट्रिक टन डीएपी का वितरण किया जा रहा था। इस दौरान रक्सा चौराहा स्थित समिति पर खाद वितरण के दौरान यहां बिलिंग कर रहे एक व्यक्ति ने किसान फूल सिंह से एक बोरी खाद के बदले 1,360 रुपये की मांग की। किसान को लगा कि खाद की कीमत इतनी ही है तो उसने भी पैसे का भुगतान कर दिया। जब समिति से उसे 1,350 रुपये का बिल दिया गया तो वह बिफर गया। इस पर बिलिंग कर रहे व्यक्ति ने 10 रुपये अतिरिक्त लेने के पीछे लोडिंग-अनलोडिंग को कारण बताया। किसान फूल सिंह का कहना था कि जब वह खुद ही पल्लेदार बनकर बोरी उठा रहा तो पैसा क्यों लिए जा रहे हैं। काफी देर तक चली बहस के बाद किसान को ही शांत होकर जाना पड़ा। यह जिक्र केवल एक किसान का नहीं बल्कि रूप सिंह, घनश्याम, कुलवंत और दुष्यंत ने भी खाद की बोरी 1360 रुपये में मिलने की बात बताई।

यदि कोई किसान गोदाम से खाद पल्लेदार से उठवाकर अपने वाहन पर लदवाता है, तभी पल्लेदार का मेहनताना लिया जाएगा। हालांकि, यह भी स्वैच्छिक है। यदि कोई बगैर सेवा दिए 1,350 रुपये से अधिक ले रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

हिमांशु कुमार, एआर को-ऑपरेटिव।



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