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गोपनीय विभाग से सत्यापन के आवेदनों का रिकॉर्ड एक साल से आ रहा बाहर

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग से सत्यापन कराने के लिए आने वाले आवेदनों का डाटा लीक होने के प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। कुलसचिव ने जल्द जांच पूरी करके कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।

खुद को शिक्षा सलाहकार बताने वाला एक व्यक्ति अक्तूबर 2022 से बीयू के गोपनीय विभाग में आने वाले आवेदनों का डाटा लीक कर रहा है। वो इस डाटा को सोशल मीडिया पर डाल रहा है। बीयू में सत्यापन को आए आवेदन की सूचना सीधे छात्र के नाम से सोशल मीडिया पर डालता है। इसके अलावा किसी भी तरह के ताजा या लंबित सत्यापन कराने के लिए संपर्क करने की बात कहता है। उसने पोस्ट में फोन नंबर भी डाला है। इस मामले में सबूतों के साथ बीयू के पुरातन छात्रों ने कुलपति से शिकायत की है। खास बात ये है कि पुरातन छात्रों ने बैंक का खाता नंबर भी लिखा है, जिसमें सत्यापन के लिए संपर्क करने वाले अभ्यर्थी ने पैसे ट्रांसफर किए। इस मामले को अमर उजाला प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा है। अब बीयू प्रशासन ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि दो शिक्षक और एक सहायक कुलसचिव को जल्द मामले की जांच करके रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। जांच में जो भी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।



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