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ललितपुर। जिले में हवाई अड्डे के निर्माण में अब लापता भू स्वामी बाधा बन रहे हैं। राजस्व विभाग अधिग्रहण के लिए शेष बची छह हेक्टेयर भूमि के स्वामियों को ढूंढ रहा है, लेकिन इनकी अब तक कोई खोज खबर नहीं है। वहीं इस छह हेक्टेयर में कुछ जमीनों का मामला कोर्ट में है। अब प्रशासन ने जमीन में अधिग्रहण में आ रही रुकावट को लेकर शासन को पत्र लिखा है।

तीन साल पहले केंद्र सरकार की स्वीकृति बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में हवाई अड्डे का निर्माण कराने की घोषणा की थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने गल्ला मंडी के सामने स्थित हवाई पट्टी और उससे लगे गांव सिवनी में कुल 390 एकड़ जमीन चिह्नित कर शासन को प्रस्ताव भेजा था। इसमें 226 एकड़ भूमि निजी किसानों की थी।

इसके बाद शासन ने भूमि अधिग्रहण के लिए करीब 87.42 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी। राजस्व विभाग ने प्रथम चरण में अक्तूबर 2021 से भूमि अधिग्रहण का काम शुरू किया। जो अब अंतिम दौर में है। अब सिर्फ छह हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित होने को शेष है। यह जमीन हवाई अड्डे के निर्माण में बाधा बन रही है।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार छह हेक्टेयर में से कुछ भूमि ऐसे लोगों के नाम दर्ज है जो लापता हैं। जबकि कुछ जमीन का मुकदमा न्यायालय में चल रहा है। इसको लेकर शासन स्तर पर पत्राचार किया गया है। शासन से निर्देश मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।

रक्षा और नागरिक उड्डयन विभाग में चल रहा विवाद

हवाई अड्डा निर्माण में 78 एकड़ भूमि ऐसी है, जिस पर रक्षा विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग के बीच पेच फंसा है। इस जमीन पर रक्षा विभाग ने अपना दावा प्रस्तुत करते हुए मुआवजा मांगा है। जबकि नागरिक उड्डयन विभाग इस भूमि को अपनी बता रहा है। इस विवाद के निपटारा के लिए केंद्र स्तर पर बातचीत का दौर चल रहा है।



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