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झांसी। मार्बल कारोबारी अजीत गोयल ने आत्मघाती कदम उठाने से ठीक पहले दो पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था। सुसाइड नोट में उन्होंने अपने बड़े भाई पर धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए पत्नी और बेटियों को न्याय दिलाने की मांग की। सुसाइड नोट में अजीत ने लिखा कि बड़ा भाई अनिल, उसकी पत्नी वीना, भतीजा प्रिंस तीनों बेईमान हो गए। पिता रमेश गोयल की कोविड से दो साल पहले मौत हो गई थी। जब उसने पिता की मौत की सूचना भाई अनिल को फोन करके दी तो उसने अंतिम संस्कार में आने से मना कर दिया। अनिल पिता के अंतिम संस्कार में न आकर अपने पिता के घर पर पहुंच गया और वहां से साले की मदद से घर में रखा 50 किलो सोना और 10 क्विंटल चांदी (करीब 30 करोड़) हड़प लिया। पिता रमेश बरुआसागर में जेवर गिरवी रखने एवं ब्याज पर पैसा देने का काम करते थे। यह पूरा हिसाब-किताब रजिस्टर में रहता था। यह रजिस्टर भी भाई ने धोखा देकर अपने पास रख लिया। इसके अलावा नकली वसीयत तैयार करके उनको पूरी संपत्ति से बेदखल कर दिया। जब उनको इसका पता चला तब उन्होंने कोर्ट में अपील दाखिल की लेकिन, इस अपील को कोर्ट ने कुछ दिनों पहले ही खारिज कर दिया। इससे अजीत मानसिक तौर पर काफी परेशान हो गए। परिजनों का कहना है अपील खारिज होने के बाद उनके ऊपर घर एवं दुकान भी तत्काल खाली करने का दबाव बनाया जा रहा था। अपने सुसाइड नोट में कारोबारी ने अपने रिश्तेदारों, नातेदारों एवं अन्य जानने वालों से पत्नी एवं बेटियों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।

कारोबारी की मौत के बाद घर पर लगा जमावड़ा

कारोबारी की मौत की सूचना मंगलवार सुबह शहर के लोगों को लगी। थोड़ी ही देर में उनके घर पर बड़ी संख्या में शहर के लोग जमा हो गए। सभी अजीत के इस कदम से हतप्रभ दिखाई पड़ रहे थे। कारोबारियों का कहना है कि अजीत अक्सर अपने साथ हुए धोखेबाजी की बात करते थे लेकिन, यह आत्मघाती कदम उठा लेेंगे इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। अजीत की मौत के बाद उनके पड़ोस में रहने वाले भाई के घर में भी ताला लगा हुआ दिखाई पड़ा। कोई भी उनके बारे में कुछ बता नहीं पा रहे थे।



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